नई दिल्ली: IPL 2025 को लेकर एक बड़ा फैसला लिया जा सकता है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने IPL चेयरमैन को पत्र लिखकर तंबाकू और शराब के विज्ञापन और बिक्री पर रोक लगाने की सिफारिश की है। DGHS ने अपने पत्र में तंबाकू और शराब के सेवन से जुड़ी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को उठाते हुए कहा कि IPL जैसे बड़े मंच पर इनके प्रचार से लोगों में गलत संदेश जाता है।
DGHS ने पत्र में कहा है कि भारत में डायबिटीज, कैंसर और फेफड़ों की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिसमें तंबाकू और शराब की बड़ी भूमिका है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में तंबाकू के कारण सबसे ज्यादा मौतें होती हैं और यह इस मामले में दुनिया में दूसरे स्थान पर है। वहीं, शराब के कारण हर साल 14 लाख से अधिक भारतीयों की मौत होती है। इन चिंताओं के मद्देनजर, IPL जैसे बड़े खेल आयोजन में ऐसे उत्पादों का विज्ञापन पूरी तरह बंद किया जाना चाहिए।
IPL 2025: 22 मार्च से होगा आगाज, सरोगेट विज्ञापन पर निगरानी
IPL 2025 का आगाज 22 मार्च से होगा और इसका पहला मुकाबला कोलकाता नाइट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच ईडन गार्डन में खेला जाएगा। टूर्नामेंट होम एंड अवे फॉर्मेट में आयोजित किया जाएगा, जिसका फाइनल 25 मई को होगा। हर साल की तरह, इस बार भी IPL के स्पॉन्सरशिप को लेकर चर्चा गर्म है, लेकिन इस बार सरोगेट विज्ञापनों पर खास निगरानी रखी जाएगी।
सरोगेट विज्ञापन वह तरीका होता है जिसमें कंपनियां प्रतिबंधित उत्पादों जैसे शराब और तंबाकू का सीधे प्रचार करने के बजाय अन्य नामों और ब्रांडिंग के तहत उन्हें प्रचारित करती हैं। IPL के दौरान कई बड़ी कंपनियां यह तरीका अपनाती रही हैं, लेकिन अब सरकार इस पर नकेल कसने की तैयारी में है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश, हो सकता है बड़ा फैसला
DGHS का यह पत्र केंद्र सरकार की ओर से तंबाकू और शराब के खिलाफ जारी अभियान का हिस्सा माना जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, सरकार जल्द ही IPL में तंबाकू और शराब के विज्ञापनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर सकती है। अगर ऐसा होता है, तो यह फैसला देश में नशा नियंत्रण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाएगा।
इससे पहले भी स्वास्थ्य मंत्रालय और विभिन्न संगठनों ने सरकार से अनुरोध किया था कि IPL जैसे बड़े मंचों पर ऐसे उत्पादों का विज्ञापन बंद किया जाए, जिससे युवा पीढ़ी पर गलत प्रभाव न पड़े। अब सवाल यह है कि BCCI इस पर क्या रुख अपनाएगा और क्या IPL के स्पॉन्सरशिप मॉडल में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा?
BCCI और फ्रेंचाइजी टीमों के लिए नई चुनौती
अगर IPL में शराब और तंबाकू के विज्ञापनों पर पूरी तरह से रोक लगती है, तो इससे BCCI और विभिन्न फ्रेंचाइजी टीमों के स्पॉन्सरशिप मॉडल पर सीधा असर पड़ेगा। पिछले कुछ वर्षों में, कई IPL टीमों ने तंबाकू और शराब ब्रांड्स से जुड़े सरोगेट विज्ञापनों से करोड़ों की कमाई की है। ऐसे में, यह नया निर्देश BCCI और टीम मालिकों के लिए वित्तीय दृष्टि से चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
हालांकि, खेल जगत में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कई विशेषज्ञों और खिलाड़ियों ने भी इस फैसले का समर्थन किया है और कहा है कि IPL जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को खेल भावना के साथ जोड़ा जाना चाहिए, न कि नशे के उत्पादों के प्रचार के साथ।
क्या IPL 2025 में दिखेगा नया स्पॉन्सरशिप मॉडल?
अगर यह प्रतिबंध लागू होता है, तो IPL 2025 में स्पॉन्सरशिप मॉडल पूरी तरह से बदल सकता है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तंबाकू और शराब कंपनियों को विज्ञापन से रोका जाता है, तो नए सेक्टर्स जैसे टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और ई-कॉमर्स कंपनियों को इस स्थान पर मौका मिल सकता है।
अब देखना यह होगा कि क्या BCCI इस प्रतिबंध को लागू करने के लिए तैयार है या नहीं। क्या IPL में नशा मुक्त स्पॉन्सरशिप को बढ़ावा दिया जाएगा, या फिर खेल और कॉरपोरेट के गठजोड़ में कोई नया रास्ता निकलेगा? यह आने वाले समय में साफ हो पाएगा।
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