क्या धर्म अब किसी की मौत का कारण बन सकता है? क्या इंसानियत का कोई मोल नहीं रहा? इन सवालों को हवा देता है जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ हालिया आतंकी हमला, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले पर अब योगगुरु बाबा रामदेव का बयान आया है—एक ऐसा बयान जिसमें आक्रोश है, शांति के संदेश के बीच न्याय की आग है। मध्यप्रदेश की महाकाल नगरी उज्जैन में पहुंचे बाबा रामदेव ने महाकालेश्वर के दरबार में आरती के बाद कहा कि “अब ऐसे राक्षसी सोच वाले लोगों का विनाश स्वयं महाकाल करेंगे।” बाबा की यह भविष्यवाणी मात्र धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक चेतावनी है, जो आज के भारत को झकझोर रही है।
बाबा रामदेव ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, “धर्म पूछकर हत्या करना एक घृणित और राक्षसी पाप है। यह कुकृत्य पाकिस्तान से प्रेरित है। भारत सरकार इसका ज़रूर जवाब देगी, लेकिन सबसे बड़ा न्याय स्वयं महाकाल देंगे।” उनका यह बयान महज एक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक धार्मिक चेतावनी है कि भारत की सहनशीलता को अब उसकी कमजोरी न समझा जाए। बाबा ने गीता के श्लोक ‘परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्’ का उल्लेख करते हुए कहा कि अधर्म के विनाश के लिए भगवान स्वयं प्रकट होते हैं – और इस बार वो अवतार महाकाल के रूप में होगा।
बाबा रामदेव ने इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाज़ी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि “जब बात राष्ट्रीय अखंडता की हो, तब राजनीति नहीं होनी चाहिए। ऐसे मौकों पर दलों से ऊपर उठकर हमें भारत माता के लिए एकजुट होना चाहिए।” बाबा का यह कथन ‘द खबर्दार न्यूज़’ की उसी भावना को दर्शाता है—जहाँ सच को रंग और झंडे से नहीं, उसकी नीयत और उद्देश्य से तौला जाता है। उन्होंने राष्ट्रधर्म निभाने की आवश्यकता को रेखांकित किया, जहाँ हर भारतीय को आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में बोलना चाहिए।
बाबा रामदेव ने उज्जैन में भगवान महाकाल की भस्म आरती में भाग लेकर देश के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा, “महाकाल अकाल मृत्यु को दूर करते हैं, वे हमें शक्ति और विवेक प्रदान करते हैं। भारत माता जो युगों से विश्व को ज्ञान दे रही है, वह सुरक्षित रहे – यही मेरी महाकाल से विनती है।” उनकी यह आस्था न सिर्फ धार्मिक है, बल्कि सांस्कृतिक और राष्ट्रीय सुरक्षा की भावना से ओतप्रोत है। बाबा ने महाकाल को न केवल आराध्य बताया, बल्कि राष्ट्र की रक्षा शक्ति के प्रतीक के रूप में स्थापित किया।
‘द खबर्दार न्यूज़’ यह मानता है कि आतंकवाद किसी धर्म का नहीं, केवल बर्बरता और अराजकता का चेहरा है। बाबा रामदेव की बातों में भले ही धार्मिक प्रतीक हों, लेकिन उनका मूल संदेश राष्ट्रीय एकता, सामाजिक जवाबदेही और सांस्कृतिक चेतना का है। आज जब मीडिया दो ध्रुवों में बंटा हुआ है—“गोडी मीडिया” और “एंटी-मोदी मीडिया”—हमारी कोशिश है कि हम इस बीच से सच की एक नई आवाज़ बनें। बाबा का संदेश इसी दिशा में एक प्रेरणा है, कि जब अधर्म बढ़े तो न्याय के लिए खड़ा होना हर भारतवासी का कर्तव्य है। आतंक के खिलाफ आवाज़ उठाइए, पर एकजुट होकर, विवेक के साथ।





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