Thursday, January 30, 2025

संगम में आस्था की दिख रही बेजोड़ झलक, पहले स्नान में 60 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

प्रयागराज में महाकुम्भ-2025 का प्रारंभ हो चुका है। पौष पूर्णिमा के अवसर पर संगम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। इस महाकुंभ में देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालु पुण्य स्नान के लिए उपस्थित हुए। उत्तर प्रदेश सरकार की सुव्यवस्थित तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हो रही है। विदेशी पर्यटकों का उत्साह देखते ही बन रहा है। सोमवार को महादेव की उपासना के विशेष संयोग ने माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। यह महाकुंभ 45 दिनों तक चलेगा और इसमें श्रद्धालुओं की संख्या पिछले सभी आयोजनों से अधिक होने की संभावना है।

तीर्थराज प्रयागराज, जहाँ आस्था और भक्ति का महासागर उमड़ पड़ा है। जी हाँ, महाकुम्भ-2025 का आगाज हो चुका है, और संगम नगरी में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। लाखों की संख्या में देश-विदेश से आए भक्त स्नान कर पुण्य लाभ ले रहे हैं। आइए, इस ऐतिहासिक आयोजन की पूरी कहानी जानते हैं।

प्रयागराज का महाकुम्भ… 144 वर्षों की प्रतीक्षा का अंत और भक्ति का महासंगम। पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर महाकुम्भ-2025 के पहले स्नान ने भक्तों को एकता के सूत्र में बांध दिया। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई।

यहाँ श्रद्धालुओं के चेहरों पर अपार उत्साह दिखा। कोई हर-हर महादेव के जयकारे लगाता नजर आया, तो कोई भगवान शिव के चरणों में जल अर्पित करता दिखा। साउथ कोरिया और जापान से आए पर्यटक भी इस आयोजन से अभिभूत हैं। विदेशी यू-ट्यूबर्स ने महाकुम्भ की भव्यता को अपने कैमरों में कैद किया, वहीं रूस और अमेरिका से आए श्रद्धालु पुण्य स्नान में डूबे नजर आए। स्पेन से आई क्रिस्टीना ने इस आयोजन को ‘विश्व का सबसे अद्भुत पर्व’ कहा।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की व्यवस्थाओं ने श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए हैं। हर घाट पर पुलिस बल तैनात है, और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 24×7 हेल्प डेस्क चालू हैं। डबल इंजन सरकार की तारीफ करते हुए भक्तों ने बताया कि यह कुम्भ पहले के सभी आयोजनों से भव्य और दिव्य है।

कल्पवासियों के लिए पौष पूर्णिमा का स्नान विशेष महत्व रखता है। ये श्रद्धालु पूरे कुम्भ काल में कठिन नियमों का पालन करते हुए भक्ति में लीन रहते हैं। महाकुम्भ के पहले ही दिन स्नान के दौरान संगम तट पर ‘हर हर महादेव’ और ‘जय श्री राम’ के जयकारे गूंज उठे। श्रद्धालुओं की श्रद्धा और भक्ति देखते ही बनती है।

घाटों पर तिलक लगाने वाले और प्रसाद बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि इस बार की भीड़ 2019 के कुम्भ से कई गुना ज्यादा है। पूजा सामग्री की बढ़ती मांग ने इनकी आमदनी में वृद्धि की है। एक दुकानदार ने बताया कि इस आयोजन से न केवल आर्थिक लाभ हो रहा है, बल्कि आस्था और सेवा का अनुभव भी मिल रहा है।

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