श्री अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जाएंगे। यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 14 अप्रैल से शुरू होगी, जिसे श्रद्धालु बैंकों या ऑनलाइन माध्यम से पूरा कर सकेंगे। ओम शिव शक्ति सेवा मंडल, भोपाल के सचिव रिंकू भटेजा ने बताया कि इस पवित्र यात्रा के लिए कंपलसरी हेल्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है, जिसे सरकार द्वारा अधिकृत डॉक्टर्स ही जारी कर सकते हैं। पिछले साल मध्य प्रदेश में 136 डॉक्टर्स को इस प्रमाणपत्र के लिए अधिकृत किया गया था, लेकिन भोपाल में केवल चार डॉक्टर्स को ही यह अधिकार दिया गया था, जिससे श्रद्धालुओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था।
भोपाल और आसपास के इलाकों से हर साल करीब 15,000 श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए निकलते हैं, लेकिन मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने की जटिल प्रक्रिया उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। पिछले साल कम डॉक्टर्स की उपलब्धता के कारण हजारों श्रद्धालुओं को लंबी लाइनों में लगना पड़ा और कई लोगों को समय रहते प्रमाणपत्र नहीं मिलने के कारण यात्रा रद्द करनी पड़ी। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा को इस विषय पर मेल और एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से शिकायत भेजी गई है, जिसमें डॉक्टर्स की संख्या बढ़ाने की मांग की गई है।
ओम शिव शक्ति सेवा मंडल के रिंकू भटेजा, राजकुमार शर्मा, सचिन सेवारामनी समेत कई सदस्यों ने इस समस्या को उठाते हुए आग्रह किया है कि भोपाल और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में अधिक डॉक्टर्स को हेल्थ सर्टिफिकेट जारी करने की अनुमति दी जाए, ताकि श्रद्धालु बिना किसी बाधा के अपने धार्मिक सफर को पूरा कर सकें। यह सिर्फ भोपाल ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश के लिए एक बड़ी समस्या बन सकती है, क्योंकि हर साल हजारों लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं। यदि समय रहते इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ, तो श्रद्धालुओं की परेशानी इस साल और अधिक बढ़ सकती है।