जयपुर की सड़कों पर सोमवार रात जो मंजर देखा गया, वो किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं था। राजस्थान की राजधानी की शांत गलियों में एक तेज रफ्तार एसयूवी ने जैसे आतंक फैला दिया। MI रोड से शुरू हुआ यह खूनी खेल, नाहरगढ़ की गलियों में तबाही बनकर दौड़ा। जिसने भी इस रफ्तार का रास्ता काटने की कोशिश की, वो सड़क पर बिखर गया—मानो इंसान नहीं, कोई आलू-टमाटर हों जिन्हें बेमतलब रौंदा जा रहा हो। क्या ये सिर्फ़ एक नशे में धुत ड्राइवर की गलती थी, या इसके पीछे छिपी है कोई गहरी साज़िश?
70 की रफ्तार, 9 लोगों पर चढ़ा पहिया—कहानी से ज्यादा खौफनाक है हकीकत
सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहा है कि एसयूवी चालक उस्मान खान, बेकाबू होकर एक के बाद एक लोगों को रौंदता चला गया। महज 500 मीटर की दूरी में 4 कार, 6 बाइक्स और 9 राहगीरों को टक्कर! पुलिस कहती है कि वह नशे में था, लेकिन सवाल उठता है कि इतना लंबा ‘किलिंग स्प्री’ कोई सामान्य व्यक्ति कैसे कर सकता है? क्या कोई इसे कंट्रोल कर रहा था? या फिर इस पूरी घटना के पीछे कोई और चेहरा छुपा है जो अभी सामने नहीं आया?
हिट एंड रन नहीं, ये था ‘स्लो मोशन नरसंहार’—भीड़ के गुस्से ने ली हिंसक शक्ल
हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फुट पड़ा, और सैकड़ों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। चार थानों की पुलिस को मौके पर बुलाया गया। गुस्से में भीड़ ने कार में तोड़फोड़ कर दी, और जब आरोपी को पकड़ा गया, तो उसे जमकर पीटा गया। क्या यह सिर्फ़ जनता का गुस्सा था या कहीं ना कहीं यह संकेत दे रहा है कि लोग इस घटना को सामान्य एक्सीडेंट नहीं मान रहे? कोई गाड़ी अचानक इतनी ‘एक्युरेसी’ से लोगों को क्यों कुचलती चली जाती है?
विक्टिम्स की पहचान और चौंकाने वाली संयोग: क्या कोई टारगेट थे इनमें से?
मृतकों में शामिल हैं वीरेंद्र सिंह, उनकी बहन ममता कंवर, और अवधेश पारीक। गंभीर रूप से घायल लोगों में शामिल हैं—सोनी, दीपक सोनी, विजय, मोनेश, मोहम्मद जलालुद्दीन, जेबुन्निसा, और अंशिका। गौर करने वाली बात ये है कि ये सभी अलग-अलग बैकग्राउंड से थे, फिर भी सभी एक ही हादसे का शिकार क्यों बने? कहीं ऐसा तो नहीं कि ये लोग किसी खास ‘मैसेज’ का हिस्सा थे, जिसे इस वहशी ड्राइवर ने अंजाम दिया?
नशे में धुत या ‘मिशन पर’? पुलिसिया कहानी में कई सवाल—जवाब बाकी हैं
एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह के मुताबिक, आरोपी ड्राइवर पूरी तरह नशे में था। पर क्या नशे में धुत व्यक्ति इतनी बड़ी वारदात को इस ‘कंट्रोल’ में अंजाम दे सकता है? कंट्रोल रूम को पहले ही सूचना दे दी गई थी, फिर भी गाड़ी कैसे बचती रही? ये सब इत्तेफाक हैं या पहले से रचा गया कोई ‘ब्लूप्रिंट’? आरोपी को पकड़ने से पहले उसने 7 से ज्यादा लोगों को घायल कर दिया, और फिर भी वह भागता रहा! जयपुर के इस केस ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है, और अब हर कोई यही पूछ रहा है—क्या यह हिट एंड रन था, या किसी का बदला?





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