Thursday, March 20, 2025

AIIMS Bhopal : बिना बेहोश किए सफल heart valve implantation, मध्य प्रदेश में पहली बार हुआ TAVI ऑपरेशन

राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। मध्य प्रदेश में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में मरीज को बेहोश किए बिना कृत्रिम हृदय वॉल्व प्रत्यारोपित किया गया है। यह अत्याधुनिक प्रक्रिया ट्रांसकैथेटर एऑर्टिक वॉल्व इंप्लांटेशन (TAVI) के माध्यम से सफलतापूर्वक संपन्न की गई, जो हृदय रोगियों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। इस नई तकनीक में मरीज को एनेस्थीसिया देने की आवश्यकता नहीं होती, न ही किसी प्रकार के चीरे या ओपन हार्ट सर्जरी की जरूरत पड़ती है। इससे न केवल ऑपरेशन के दौरान जोखिम कम होता है, बल्कि मरीज की रिकवरी भी तेज़ी से होती है।

एम्स भोपाल में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. भूषण शाह के नेतृत्व में यह जटिल प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई। डॉक्टरों के अनुसार, यह तकनीक विशेष रूप से उन मरीजों के लिए फायदेमंद है, जो हृदय रोगों के उच्च जोखिम वाले समूह में आते हैं और जिनके लिए पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी करना मुश्किल होता है। इस प्रक्रिया के तहत मरीज के पैर की धमनी के माध्यम से कृत्रिम हृदय वॉल्व को हृदय तक पहुंचाया जाता है और उसे खराब वॉल्व की जगह प्रत्यारोपित किया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता नहीं होती और ऑपरेशन के तुरंत बाद ही वह सामान्य स्थिति में आ जाता है।

इस ऐतिहासिक ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली एम्स भोपाल की टीम में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अजय सिंह, डॉ. सुदेश प्रजापति, डॉ. आशीष जैन, कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डॉ. योगेश निवारिया, डॉ. विक्रम वट्टी, एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. वैशाली वेडेसकर, डॉ. हरीश कुमार, डॉ. एसआरएएन भूषणम, कैथ लैब तकनीशियन और नर्सिंग स्टाफ शामिल थे। टीम ने अपनी कुशलता और अत्याधुनिक तकनीक के सहारे बिना किसी जटिलता के ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिससे मरीज को जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिल गई।

भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. प्रभाकर तिवारी ने इस उपलब्धि पर एम्स भोपाल की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि “यह एक क्रांतिकारी कदम है, जो हृदय रोगों के इलाज को आसान और सुलभ बनाएगा। अब आम जनता को सस्ता और गुणवत्तापूर्ण उपचार मिल सकेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर और ऊंचा होगा।” उन्होंने इस तरह की अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं को पूरे प्रदेश में उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस प्रयास करने की बात भी कही।

एम्स भोपाल की इस बड़ी उपलब्धि ने न केवल मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में हृदय रोगों के उपचार में एक नई उम्मीद जगाई है। यह तकनीक आने वाले समय में लाखों हृदय रोगियों के लिए जीवनदायी साबित हो सकती है। सरकारी अस्पतालों में इस तरह की एडवांस तकनीक का इस्तेमाल देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख रहा है, जिससे आम नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधा सुलभ हो सकेगी।

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