क्या आपने कभी देखा है इंतजार का चेहरा? वो चेहरा जो हर सुबह अख़बार पलटता है, हर सरकारी वेबसाइट पर उम्मीद की नजर दौड़ाता है और हर साल की भर्ती अधिसूचना में अपना भविष्य तलाशता है।
जी हां, मध्य प्रदेश के हजारों युवाओं के चेहरों पर आज वही उम्मीद दोबारा लौटती दिख रही है। छह साल के लंबे विराम के बाद प्रदेश में एक बार फिर सब-इंस्पेक्टर भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। सिर्फ यही नहीं, पुलिस विभाग में कुल 8,000 पदों पर बहाली की तैयारी जोरों पर है। सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल इस माह के अंत तक भर्ती प्रक्रिया का बिगुल बजा सकता है। इसमें 7,500 कांस्टेबल और 500 सब-इंस्पेक्टर पदों पर भर्ती होगी।
पिछली बार सब-इंस्पेक्टर की भर्ती 2018 में हुई थी। उसके बाद कोविड महामारी और प्रशासनिक उलझनों ने इस प्रक्रिया को जड़ बना दिया। इस दौरान कई अभ्यर्थी उम्र सीमा पार कर चुके हैं, उनके लिए ये भर्ती एक आखिरी मौका बनकर सामने आई है। पुलिस मुख्यालय ने चयन मंडल से प्रक्रिया जल्द शुरू करने का आग्रह किया है, और अनुमान है कि शारीरिक दक्षता परीक्षा जून-जुलाई में हो सकती है।
सरकार की ओर से विधानसभा में ये भी ऐलान किया गया है कि आगामी 5 वर्षों में कुल ढाई लाख पदों पर भर्ती की जाएगी। इस भर्ती में SC, ST, OBC सहित सभी वर्गों को आरक्षण का लाभ मिलने का भरोसा दिया गया है। यह न केवल युवाओं को राहत देने वाला निर्णय है, बल्कि उन परिवारों के लिए भी संजीवनी है, जिन्होंने अपने बच्चों की तैयारी में सालों तक मेहनत और पैसे खर्च किए।
जहां सरकार इस भर्ती को अपनी उपलब्धि के रूप में दिखा रही है, वहीं कांग्रेस और विपक्ष सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर घेरने से नहीं चूक रहे। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने पिछले सालों में सिर्फ वादे किए हैं, पद नहीं भरे। उनका कहना है कि कई विभागों में पद खाली पड़े हैं, लेकिन सरकार की प्राथमिकता सिर्फ चुनावी घोषणाएं लगती हैं।