Wednesday, December 10, 2025

पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों के घरों पर कार्रवाई, आदिल का घर बम से उड़ाया, आसिफ के घर पर बुलडोजर चला

एक बार फिर से आतंकवाद ने जम्मू-कश्मीर के शांतिपूर्ण इलाकों को अपनी बर्बरता से चिह्नित कर दिया। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष जानें गईं, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे, जो अपनी छुट्टियां मनाने जम्मू-कश्मीर आए थे। लेकिन अब, इस वीभत्स हमले के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को बड़ा झटका दिया है। उनके घरों को तबाह करने के साथ ही, यह संदेश दिया है कि आतंकवाद को बख्शा नहीं जाएगा।

सुरक्षा बलों ने पहलगाम हमले में शामिल स्थानीय आतंकी आदिल हुसैन थोकर के घर को बम से उड़ा दिया। आदिल, जो कि बिजबेहरा के गोरी इलाके का निवासी था, पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर लौटने के बाद इस हमले में शामिल हुआ था। उसे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मददगार माना जा रहा है। इस हमले में, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, आदिल और आसिफ शेख नामक दो स्थानीय आतंकियों की पहचान की गई है। जबकि एक आतंकी समूह ने यह हमला किया था, वहीं उनके घरों पर की गई कार्रवाई से यह साफ संदेश मिल रहा है कि अब आतंकवादियों को उनके कृत्यों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

आदिल के घर को तबाह करने के बाद, सुरक्षा बलों ने आसिफ शेख के त्राल स्थित घर को भी बुलडोजर से गिरा दिया। आसिफ शेख ने इस हमले में अहम भूमिका निभाई थी और उसका नाम इस आतंकी हमले में सामने आया था। हमले के समय आतंकवादी एके-47 राइफलों और बॉडी कैमरा पहनकर आए थे, जो उनकी नफरत और आतंक फैलाने की मानसिकता को दर्शाता है। इस हमले में, पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी पूरी तरह से शामिल थे, जिनके बारे में सूचना मिली है कि वे पहले से ही जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ कर चुके थे।

सैन्य सूत्रों ने बताया कि हमले के समय आतंकवादियों ने करीब 15 मिनट तक गोलियां चलाईं। खास बात यह है कि आतंकवादियों ने जानबूझकर हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया, और उनके नाम पूछने के बाद उन्हें गोलियों से भून डाला। इससे यह साफ होता है कि यह हमला एक सोची-समझी रणनीति के तहत किया गया था, जिसमें भारतीय नागरिकों की धार्मिक पहचान को लक्ष्य बनाया गया। इस हमले में स्टील टिप वाली गोलियों का इस्तेमाल किया गया, जो खासतौर पर बख्तरबंद वाहनों को भेदने के लिए होती हैं।

हालांकि, कुछ चश्मदीदों ने यह बताया कि आतंकी आपस में पश्तून भाषा में बातचीत कर रहे थे, जिससे इस हमले के पाकिस्तान से जुड़ी साजिश की पुष्टि होती है। कुछ सूत्रों ने यह भी बताया कि इन आतंकवादियों ने पहले पीएम नरेंद्र मोदी की कटरा यात्रा को निशाना बनाने का प्लान किया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया। अब तक, सुरक्षा बलों ने इस हमले में शामिल आतंकवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चला दिया है और विशेष बलों को तैनात कर दिया गया है।

इस हमले से न केवल जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की पुनः आवश्यकता को दिखाया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। सरकार और सुरक्षा बलों की यह सख्त कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश है। पहलगाम के हमले को लेकर पूरे जम्मू-कश्मीर में एक तगड़ा सुरक्षा कवर लगाया गया है और आतंकवादियों की तलाश के लिए अभियान जारी है। क्या सुरक्षा बल इस हमले में शामिल बाकी आतंकवादियों को पकड़ पाएंगे? यह समय ही बताएगा।

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