गुजरात के सूरत के वरियाव इलाके में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। बुधवार शाम को महज दो साल का मासूम बच्चा खुले सीवरेज मैनहोल में गिर गया, जिसके बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी बसंत पारीख के अनुसार, मैनहोल चैंबर का ढक्कन किसी भारी वाहन की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे यह हादसा हुआ। घटना के बाद से ही दमकल विभाग की टीम मौके पर मौजूद है और बच्चे को बचाने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह बच्चा अपनी मां के साथ बाजार आया था और खेलते-खेलते अचानक खुले गटर में गिर गया। इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, वहीं प्रशासन की लापरवाही को लेकर लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
रेस्क्यू टीम ने अब तक लगभग 100-150 मीटर के क्षेत्र को स्कैन किया है, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला है। 60-70 से अधिक कर्मचारी लगातार खोजबीन में जुटे हैं, लेकिन 18 घंटे बीत जाने के बावजूद सफलता नहीं मिली है। अधिकारियों के मुताबिक, बच्चे के गिरने की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया। घटना स्थल के आसपास के सभी मैनहोल खोले गए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि बच्चा सीवरेज पाइपलाइन में कहां फंसा है। लेकिन अभी तक तलाशी अभियान में कोई सफलता नहीं मिली है। बचाव दल अब ड्रेनेज लाइन के पानी के प्रेशर का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे बच्चे की स्थिति का पता लगाया जा सके।
यह हादसा प्रशासन की घोर लापरवाही को उजागर करता है। खुले सीवरेज और टूटी-फूटी ढक्कनविहीन मैनहोल व्यवस्था की खामियों को दर्शाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक उदासीनता और देखरेख की कमी की वजह से ऐसे हादसे बार-बार होते हैं। जिस बच्चे का अब तक कोई पता नहीं चला है, उसका नाम केदार शरद वेगाद बताया जा रहा है, जो अमरोली छपराभाठा के सुमन साधना आवास में रहता था। घटना के बाद से परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं स्थानीय लोग प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं।







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