बड़ा खुलासा:!

केंद्रीय जांच एजेंसी ED ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े 5 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी आरोपियों ने PFI के विभिन्न ओहदों में बड़े पदों पर कार्रवाई की थी, और इस धन का उपयोग विदेशी स्रोतों से लाए गए करोड़ों रुपये को देशविरोधी गतिविधियों में कर रहे थे।इन गिरफ्तारियों का नाम ई एम अब्दुल रहमान, अनीस अहमद, अफसर पाशा, ए एस इस्माइल, और मोहम्मद शक़ीफ़ है। साल 2018 में दर्ज ECIR में सभी पांचों को हाल ही में 19 दिसंबर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में ED की पूर्व में हुई पूछताछ के लिए बुलाया गया था।यह पूछताछ 3 दिसंबर 2020 को PFI के ठिकानों पर रेड के दौरान बरामद संगठन के विभिन्न बैंक एकाउंट डिटेल्स के आधार पर की गई थी। इन आरोपियों ने बैंक अकाउंट्स में आए करोड़ों रुपये की मनी ट्रेल से जुड़े सवालों का सामना किया, लेकिन उनका संतोषजनक जवाब ना मिलने पर और तथ्य छिपाने के आरोप में ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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प्रतिबंधित संगठन PFI में आरोपियों की भूमिका

ई एम अब्दुल रहमान: PFI से शुरुआत से जुड़ा हुआ, अब्दुल रहमान ने संगठन में कई सालों तक अलग-अलग पदों पर सेवाएं दीं। – प्रतिबंधित संगठन सिमी से भी जुड़े रहे, और PFI के नए संगठन के बनने के बाद उन्होंने 2007-2008 में जनरल सेक्रेटरी और 2009-2012 में चेयरमैन के पदों पर कार्य किया। – उनका अहम योगदान संगठन के फैसलों और एक्शन में था, और उन्होंने विभिन्न देशों में यात्राएँ की। – संगठन के बैंक एकाउंट के साइनिंग ऑथोरिटी भी रहे और उनका यात्राओं से जुड़ाव दिखा जा रहा है।

अनीस अहमद: PFI के फाइनेंशियल मैटर्स में अहम योगदान देने वाले अनीस ने 2018 से 2020 तक संगठन के नेशनल सेक्रेटरी का कार्य निभाया। – उनकी जिम्मेदारी फंड इकट्ठा करने और संगठन के लिए वित्तीय कार्यों में थी। – अनीस ने प्रतिबंधित संगठन की स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर धन इकट्ठा करने के लिए सार्थक प्रयास किए और स्थानीय स्तर से लेकर नेशनल स्तर तक कमेटीओं का संचालन किया। – उन्होंने संगठन के लिए प्रवक्ता के रूप में भी कार्य किया और राज्यों में फंड इकट्ठा करने का कार्य किया।

पाशा:PFI में अहम पदों पर रहने वाले अफसर पाशा ने नेशनल लेवल पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का संभाला है।- वह BU तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के जोनल प्रेसिडेंट रहे और समय के साथ ही PFI के नेशनल सेक्रेटरी भी बने।- उनका महत्वपूर्ण योगदान संगठन के फाइनेंसियल मेटर्स में रहा है और साल 2009 से 2010 तक कर्नाटक यूनिट के जनरल सेक्रेटरी रहे।- सांप्रदायिक दंगों में भी उनका अहम रोल था, जिसमें उन्होंने मैसूर में हुए दंगों के समय विशेष भूमिका निभाई।- फ्रेजर टाउन के कॉर्पोरेशन बैंक में PFI एकाउंट के साइनिंग ऑथोरिटी के रूप में भी कार्य किया गया।

एएस इस्माइल: PFI के फाउंडर मेम्बरों में से एक होने के साथ ही एएस इस्माइल ने संगठन के नार्थ जोन का प्रेजिडेंट बना।- उन्होंने संगठन की नेशनल एग्जीक्यूटिव कॉउन्सिल का सदस्यता भी निभाई।- उनका अहम योगदान संगठन के फाइनेंशियल मैटर्स में रहा है, और उन्होंने PFI के चेन्नई स्थित मयलपोरे आरएच रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक में एकाउंट के साइनिंग ऑथोरिटी के रूप में भी कार्य किया है।

मोहम्मद शाकिफ़:कर्नाटक में PFI के स्टेट से लेकर नेशनल स्तर तक विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्रवाई करने वाले मोहम्मद शाकिफ़ ने संगठन में अपने योगदान को बढ़ाया है।- साल 2016 से 2020 तक कर्नाटक में स्टेट प्रसिडेंट रहे और नेशनल एग्जीक्यूटिव कॉउन्सिल के सदस्य भी रहे।- उनका साइनिंग ऑथोरिटी के रूप में बेंगलुरू के फ्रेजर टाउन स्थित कॉर्पोरेशन बैंक में कार्य करना भी दर्शाता है कि उनका विशेषज्ञता क्षेत्र फाइनेंस में रहा है।

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