चुनावी माहौल-

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चुनावी महौल

©‌‌‌®वेद प्रकाश द्विवेदी

माहौल बड़ा ही तगडा लेकिन हमारा प्रत्याशी लगडा है. हँसते रहिये मुस्कुराते रहिये जो मिले उसे जेब में डालते रहिये. चुनाव का वसूल ही कुछ ऐसा है जो भी आएगा खाकर ही जाएगा. 

तो चुनाव का माहौल है भाई रंग जमा कर रखिये और सर्वे में जीत हार देखते रहिये. बांकी अब हर गली मोहला कूंचा पार्क हर जगह प्रवक्ता मिल जायेंगे सास बहु की साजिस की जगह चुनावी साजिस बतियांगे. जिसे राजनीति का ‘क’ नही पता वो भी ज्ञान का भण्डार खोलेगा जबर पचड लगाएगा. हर गोमती चाय टपरा में सिर्फ चुनावी माहौल नजर आएगा. सबकी हार जीत १ घंटे में तय हो जायेगी कोई 500 का जुगाड़ साधेगा कोई एक पउआ में खुश हो जाएगा. जिसे न मिल पायेगा कुछ वो केवल सबको हराएगा. अंत में वही सत्ता दल के साथ फ़ोटो खिचायेगा. चुनावी माहौल है भाई ऐसे खिचता चला जायेगा. 

हर बार की तरह इस बार भी हम फिर से खामोश हो जाएंगे और सत्ता के कामों को गरियांगे. तो ऐसा चल रहा चुनावी माहौल.

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