भोपाल के लाल परेड मैदान में 77वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘क्रांतिकारियों की त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण भारत आजाद हुआ। लेकिन, एक कसक हमारे सीने में आज भी है। आजादी तो मिली, अखंड भारत नहीं मिला।’
CM ने आगे कहा, ‘भारत के टुकड़े कर दिए गए, यह ऐतिहासिक भूल है। एक और ऐतिहासिक भूल मेरी नजर में है। उस समय कश्मीर की आजादी के लिए हमारी सेना लड़ रही थीं। अचानक युद्ध विराम हो गया। बाद में कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान में रह गया। भारत के कश्मीर में धारा 377 लगाकर इसे भारत के साथ एक नहीं होने दिया गया। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस धारा को खत्म कर ‘एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे’ के संकल्प को पूरा किया गया है।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘दुनिया को आदर्श देने वाला हमारा देश आपसी मतभेदों के कारण बीच में गुलामी का शिकार हुआ। पहले मुगल, फिर अंग्रेजों के आक्रमण हुए। तब भी भारत ने अपनी संस्कृति, दर्शन, परंपरा को नहीं छोड़ा। भारत की आत्मा मरी नहीं। हमारे महापुरुष संघर्ष करते रहे।’
मुख्यमंत्री ने इससे पहले ध्वजारोहण कर ओपन जीप में परेड की सलामी ली। कार्यक्रम में पुलिस और होमगार्ड जवानों को सम्मानित किया गया। इससे पहले CM शिवराज ने मुख्यमंत्री आवास पर ध्वजारोहण किया। भोपाल के शौर्य स्मारक पहुंचकर शहीदों व क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि दी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने PCC में ध्वजारोहण किया। राज्यपाल मंगूभाई पटेल नर्मदापुरम के समरोह में शामिल हुए।
रायसेन में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी मंच पर चक्कर खाकर गिर गए। उन्हें भोपाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया। भोपाल में परेड दौरान दो छात्राएं भी बेहोश हुईं। इंदौर और खंडवा में भी छात्राओं की तबीयत बिगड़ी।
मुख्यमंत्री ने मंच से मध्यप्रदेश सरकार की योजनाओं को गिनाया। उन्होंने कहा, ‘ऐसे परिवार, जो इनकम टैक्स नहीं देते और जिन्हें दूसरी किसी योजना से चिकित्सा लाभ नहीं मिल रहा, उन्हें भी आयुष्मान भारत में शामिल करेंगे। जल्द पूरे प्रदेश में 5G सेवा शुरू होगी। सरकारी स्कूल के शिक्षकों के 25 हजार पद भरे जाएंगे। हर विकास खंड मुख्यालय में 30 बिस्तरों का अस्पताल होगा। ओरछा में रामराज लोक, चित्रकूट में वनवासी रामलोक, महेश्वर में अहिल्या लोक, दतिया में पीतांबरा लोक, भोपाल में महाराणा प्रताप लोक बनेंगे।’ उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना चुनाव की वजह से नहीं, यह अंतरात्मा की आवाज है।
भारत का इतिहास 75 साल पुराना नहीं है। जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता का सूर्य उदय नहीं हुआ था, तब हमारे यहां वेद रच दिए गए थे। भारत ने दुनिया को हजारों साल पहले दुनिया को एकता का संदेश दिया। हमारे ऋषि कहते थे- एकम सत्यम विप्रा बहुधा वदंति, यानी- सत्य एक है, बुद्धिमान अलग-अलग तरीके से इसे कहते हैं। यह वो धरती है, जहां सत्य मेवजयते का उद्घोष हुआ। इस धरती ने हजारों साल पहले कहा कि सारी दुनिया ही एक परिवार है। धर्म की जय यानी अच्छाई की जय, अधर्म का नाश यानी बुराइयों का नाश हो।