REWA News :- रेप के आरोपी को बचाने पिता ने गंवाई पूरी पूंजी:पुलिस-जज और डॉक्टर के नाम पर ठगा; कहा- SP ऑफिस से बोल रहा हूं, शाम तक बेटा छूट जाएगा

0
82

सर, मैं SP ऑफिस रीवा से बोल रहा हूं। रेप के आरोप में फंसे आपके बेटे की फाइल तैयार हाे रही है। अगर आप चाहते हैं कि फाइल रोक दी जाए, तो मैं जैसा कहता हूं, वैसा कीजिए।’

इसके बाद आरोपी के पिता ने कई किस्तों में 2 लाख 66 हजार रुपए कॉलर द्वारा बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। पांचवें दिन फिर कॉल आया। कॉलर ने कहा- सब कुछ हो गया है, कुछ और पैसे भेज दो, तो तुम्हारा बेटा जेल से छूट जाएगा। इस बार आरोपी के पिता को शक हुआ कि कहीं मेरे साथ ठगी तो नहीं हो गई। जिन मोबाइल नंबरों पर पैसे भेजे थे, उनसे बात करने की कोशिश की, तो फोन रिसीव नहीं किया गया। उसे ठगी का एहसास हो गया। तब तक वह पूरी जमा पूंजी जालसाजों के खाते में ट्रांसफर कर चुका था।

ठगी का ये मामला सीधी जिले के चुरहट थाना क्षेत्र का है। गांव पड़खुरी के अहिवरण साकेत की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने जांच शुरू की, तो नए तरह का मामला सामने आया। पहली बार किसी मुकदमे में पुलिस के नाम पर ठगी की गई थी। शक न हो इसलिए जालसाजों ने कभी पुलिस कभी जज तो कभी खुद को डॉक्टर बताकर पैसे ऐंठे।

पहले रेप का वो मामला जानते हैं, जिसमें रिहाई का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी हुई…

समान थाने में युवती ने अनुराग साकेत के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था।

समान थाने में युवती ने अनुराग साकेत के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था।

रीवा के समान थाने में अहिवरण साकेत के बेटे अनुराग साकेत पर युवती ने दुष्कर्म की FIR दर्ज कराई थी। 26 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया था कि वह विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र की रहने वाली है। सिरमौर चौराहा स्थित एक कम्प्यूटर शॉप में नेटवर्किंग का काम करती है।

फरवरी 2023 की बात है। युवती विवेकानंद पार्क में बैठी थी। इसी दौरान, सीधी जिले के पड़खुरी गांव के रहने वाले अनुराग साकेत से मुलाकात हुई। अनुराग तब रीवा के आजाद नगर में रहता था। दोनों के बीच बातचीत होने लगी। एक-दूसरे को मोबाइल नंबर शेयर किया। ये दोस्ती प्यार में बदल हो गई। साकेत ने शादी का वादा कर संबंध भी बनाए। इसके बाद दोनों कई बार मिलते रहे। कुछ दिन बाद अनुराग ने युवती से दूरी बना ली।

युवती ने जब शादी के लिए दबाव बनाया, तो अनुराग ने पढ़ाई की बात कहते हुए मना कर दिया। वह युवती को नजरअंदाज करने लगा। एक दिन युवती ने दो टूक कहा कि तुम शादी करोगे या मैं पुलिस के पास जाऊं। अनुराग ने भी स्पष्ट कह दिया कि तुम्हें जो करना है कर लो, मैं शादी नहीं करूंगा।

इसके बाद युवती ने परिजन को पूरी बात बताई। माता-पिता के साथ समान थाने में शिकायत की। महिला पुलिस अधिकारी ने युवती के बयान लिए। मेडिकल में रेप की पुष्टि होने पर मार्च 2023 में अनुराग के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कर लिया गया। 8 अप्रैल को पुलिस ने अनुराग को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया।

अब जानते हैं पुलिस-जज के नाम पर ठगी की कहानी समान थाना थाना प्रभारी जेपी पटेल की जुबानी…

दुष्कर्म के आरोपी अनुराग साकेत के पिता अहिवरण साकेत ने समान थाने में ठगी की शिकायत की। कहा- मैं पड़खुरी थाना चुरहट जिला सीधी का रहने वाला हूं। रीवा में आजाद नगर में किराए से रहता हूं। मेरा बेटा अनुराग साकेत मॉडल साइंस कॉलेज में BSc फाइनल ईयर का छात्र है। उसके खिलाफ दुष्कर्म का मामला समान थाने में दर्ज है। 8 अप्रैल 2023 को पुलिस ने गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल रीवा भेज दिया है।

अहिवरण का खाता स्टेट बैंक आफ इंडिया गुजरात में है। 12 अप्रैल की शाम 4 बजे मेरे मोबाइल पर कॉल आया। कॉलर ने कहा कि वो रीवा SP ऑफिस से चंदन कुमार यादव बोल रहा है। आपका लड़का जेल में है। उसकी फाइल तैयार हो रही है। अगर फाइल रुकवाना चाहते हैं, तो रुक जाएगी। हमारी साहब से बात हो गई है। उसने कहा कि सोच लो। काम कराना है, तो 50,000 रुपए इसी नंबर पर ट्रांसफर कर दो। अहिवरण ने उस मोबाइल नंबर पर 50 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए। उसे लगा कि पैसे भेज देने से बेटा रिहा हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं था। एक घंटे बाद दोबारा उसी नंबर से कॉल आया। इस बार कॉलर कहा कि अभी डॉक्टर का फोन आएगा, तो आप बात कर लीजिएगा। क्योंकि डॉक्टर को मेडिकल बनाने के लिए भी रुपए देने पड़ेंगे। इतना कहकर फोन काट दिया।

दो घंटे बाद अहिवरण के नंबर पर एक और शख्स का कॉल आया। कॉलर ने कहा- मैं डॉक्टर रोहित पटेल बोल रहा हूं। आपको अपने लड़के अनुराग साकेत की मेडिकल रिपोर्ट में कुछ सुधार करना है, तो मैं तैयार हूं। इसके बदले 28,000 रुपए देने होंगे। तब कॉलर के बताए गए मोबाइल नंबर पर अहिवरण ने 28 हजार रुपए भेज दिए। अगले दिन 13 अप्रैल को तीसरा कॉल आया। उसका नंबर अलग था। कॉलर ने कहा कि आपके लड़के को छुड़ाने के लिए 23,000 रुपए और चाहिए। यह पैसा कोर्ट में जज साहब और बाबू को देना है। आप रुपए तुरंत भेज दीजिए। अहिवरण ने फोन पे के माध्यम से रुपए भेज दिए।

अब तीसरे दिन 14 अप्रैल को चौथी बार अलग नंबर से फोन आया। कॉलर बोला- लड़की नहीं मान रही है। जज साहब के हस्ताक्षर करवाने हैं, इसलिए अभी आप एक लाख रुपए भेज दीजिए। ये पैसा मिलते ही शाम तक आपका बेटा छूट जाएगा। एक बार फिर अहिवरण ने एक लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। उसी दिन कुछ घंटे बाद पांचवीं बार फोन आया। कॉलर ने बोला कि मैं डॉक्टर रोहित पटेल बोल रहा हूं। आपके लड़के अनुराग की मेडिकल रिपोर्ट तैयार हो गई है। रिपोर्ट भोपाल से नॉर्मल करवाना है। ऐसे में आपको 65,000 रुपए अतिरिक्त देना होगा। अहिवरण को बेटे के जेल से बाहर आने की उम्मीद बढ़ गई। उसने अपने नंबर से 15 हजार और अपने जीजा बुद्धसेन साकेत के नंबर से कॉलर के मोबाइल नंबर पर 50 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।

अब 16 अप्रैल को फिर से फोन आया। कॉलर ने कहा कि 1.20 लाख रुपए और भेजना पड़ेंगे। तब आपका लड़का बाहर आएगा। जेल वारंट तैयार हो गया है। तीन दिन तक लगातार पैसे भेजने के बाद अहिवरण को शक हुआ कि कोई उसके साथ धोखाधड़ी कर रहा है। तब अहिवरण ने रिश्तेदारों को घटनाक्रम बताया।

अहिवरण पहले पुलिस के समक्ष नहीं आया। इधर-उधर पुलिस व वकीलों से जानकारी जुटाई। तब उसे समझ में आया कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। तब तक वह 2.66 लाख रुपए जालसाजों के खाते में ट्रांसफर कर चुका था। रिश्तेदारों की सलाह पर थाने में जाकर शिकायत की।

जिसमें रुपए डाले वो बैंक अकाउंट छत्तीसगढ़ के मजदूर के नाम है

जिन मोबाइल नंबरों पर अहिवरण ने पैसे ट्रांसफर किए थे, पुलिस ने उन नंबरों की कॉल डिटेल निकाली। ये सभी नंबर छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव के हैं। एक टीम वहां भेजी गई। रीवा पुलिस ने लोकल थाने का स्टाफ लेकर रोहित पटेल निवासी राजनगांव के घर पर दबिश दी। गांववालों से उसकी हिस्ट्री खंगाली, तो पता चला कि रोहित पटेल मजदूर है। खेती-बाड़ी के लिए मजदूरी कर परिवार का पेट पालता है। उसकी आर्थिक स्थिति दयनीय है।

ठगों ने लोन का लालच देकर मजदूरों से पासबुक, ATM और सिम ली

पूछताछ में पता चला कि कुछ साल पहले गांव में लोन देने वाली प्राइवेट कंपनी के कुछ लोग आए थे। वे लोग घर-घर जाकर ग्रामीणों को सरकार से 3 लाख से 5 लाख तक का लोन दिलाने का लालच दे रहे थे। कंपनी वालों ने इसके लिए शर्त रखी थी कि लोन उन्हीं लोगों को देंगे, जिनके पास खुद का खाता, ATM और मोबाइल नंबर होगा।

ऐसे में कई लोगों ने झांसे में आकर रिकॉर्ड जमा कर दिए। ग्रामीणों के दस्तावेज का उपयोग करके उनका खाता खुलवाया, ATM बनवाया और फिर ग्रामीणों के नाम पर ही सिम खरीद ली। ग्रामीणों से कहा कि यह सब कंपनी में जमा रहेगा। कंपनी वालों ने खुद को दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा व गाजियाबाद के आसपास का रहने वाला बताया था। कहा था कि कुछ दिनों में आपको लोन मिल जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

पुलिस पहुंची तो संबंधित जगह कोई नहीं मिला

छत्तीसगढ़ से लौटने पर पुलिस टीम ने रीवा SP विवेक सिंह के साथ डिटेल शेयर की। इसके बाद IG ने दूसरे राज्य में जाने की परमिशन दी। लेटर लेकर दूसरी टीम दिल्ली रवाना हुई। पांच सदस्यीय टीम पांच दिन तक दिल्ली व आसपास के इलाकों में छापेमारी करती रही। पुलिस के पास जितने भी पते थे, उन सभी जगह कोई नहीं मिला। कहीं दुकान तो कहीं किसी दूसरे का मकान बना था। जांच में पता चला कि ठगी में जिन नंबर का इस्तेमाल हुआ है, वो सिम किसी और के नाम से हैं। उनका ID प्रूफ किसी दूसरे की है।

ठगी का नया ठिकाना बन रहा NCR

समान थाना प्रभारी जेपी पटेल ने बताया कि इन दिनों, दिल्ली समेत NCR का इलाका ठगों के लिए सुरक्षित बन गया है। शातिर ठग छत्तीसगढ़ के आदिवासी इलाकों में जाते हैं। वहां केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का झांसा देकर रिकॉर्ड उनसे दस्तावेज ले लेते हैं। फिर भारी मात्रा में ID प्रूफ एकत्र करने के बाद लोगों अलग-अलग नामों की सिम खरीदते हैं। इन्हीं नंबरों को इस्तेमाल साइबर ठगी के लिए कर रहे हैं।

दिल्ली में बैठे ठगों के पास कैसे पहुंचा रेप के आरोपी का नंबर?

रीवा पुलिस यह भी जांच कर रही है कि दिल्ली में बैठे साइबर ठगों तक रेप के आरोपी की गिरफ्तारी की खबर कैसे पहुंच गई। कैसे आरोपी के पिता से ठगों ने संपर्क कर लिया। किसके साथ रेप हुआ है? किसने रेप किया है? सही व सटीक जगह पर फोन लगाना कई सवाल खड़े करता है। पुलिस का कहना है कि प्रदेशभर में FIR ऑनलाइन दिख जाते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि ठगों की नजर ऑनलाइन FIR पर है। अगर ये सही है, तो निश्चित ही ठगी का बड़ा गिरोह इसके पीछे काम कर रहा है।

अनजान कॉल पर नहीं करें भरोसा

साइबर सेल रीवा के निरीक्षक वीरेंद्र पटेल ने बताया शातिर ठग हर दिन नए नए हथकंडे अपना रहे हैं, इसलिए अनजान कॉल पर भरोसा नहीं करें। ये लोग मजबूरी का फायदा उठाते हैं। विश्वसनीय कंपनियों के अलावा किसी की भी लिंक को क्लिक न करें। अगर आपकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है, तो संबंधित कंपनी के दफ्तर में जाएं। वहां बात करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here