देश के कई राज्यों में बच्चों में आई फ्लू का इन्फेक्शन तेजी से फैल रहा है। इन दिनों दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात में काफी बारिश हुई है। इस मौसम में हाइजीन कम होने से इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। जिससे यह इन्फेक्शन फैलने लगता है। वहीं बच्चे फिजिकली ज्यादा एक्टिव होते हैं और ग्रुप में रहते हैं। ऐसे में पेरेंट्स की टेंशन बढ़ गई है।
आज जानेंगे कि बच्चों को आई फ्लू से कैसे बचाएं, बच्चे स्कूल जाते हैं तो उनके लिए क्या करें और आई फ्लू होने पर किन बातों का ध्यान रखें।
एक्सपर्ट: डॉ. अजय शर्मा, चीफ मेडिकल डायरेक्टर, आई क्यू हॉस्पिटल, दिल्ली।
सवाल: आई फ्लू क्या होता है?
जवाब: आई फ्लू को कंजंक्टिवाइटिस और पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है। इसके ज्यादातर मामले सर्दी खांसी वाले वायरस की वजह से बढ़ते हैं।
आंखों में यह इन्फेक्शन, कंजंक्टिवा की सूजन का कारण बनता है। कंजंक्टिवा क्लियर लेयर होती है, जो आंख के सफेद भाग और पलकों की आंतरिक परत को कवर करती है।
इसमें आंखों के सफेद हिस्से में इन्फेक्शन फैल जाता है। जिससे पेशेंट को देखने में काफी परेशानी होती है। यह इन्फेक्शन पैदा करने वाले वायरस की वजह से किसी को भी हो सकता है।
यह खासतौर पर मानसून में तेजी से फैलता है।
सवाल: बारिश के मौसम में क्यों होता है आई फ्लू?
जवाब: मानसून में कम टेम्प्रेचर और हाई ह्यूमिडिटी की वजह से लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के कॉन्टेक्ट में आते हैं। यही एलर्जिक रिएक्शन्स और इन्फेक्शन कंजंक्टिवाइटिस का कारण बनते हैं।
सवाल: आई फ्लू क्या छूने से फैलता है?
जवाब: हां, ये एक से दूसरे में फैलता है। आंख छूने से वायरस हाथ में चिपक जाता है और जब आंखों को छुएंगे या कीचड़ साफ करेंगे तो आई फ्लू फैलता है।
मान लीजिए, एक आंख में कंजंक्टिवाइटिस है। उसे हाथ से छूने के बाद बच्चा उसी हाथ से दूसरी आंख छू लेता है, तो इन्फेक्शन उसमें भी हो जाएगा। अगर उसी हाथ से किसी दूसरे को छू लिया, तो उसमें भी इसके होने का रिस्क बढ़ जाता है।
यही वजह है जो आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
सवाल: तो क्या आई फ्लू देखने से भी फैलता है?
जवाब: आई फ्लू वायरल इन्फेक्शन है। इसलिए तेजी से फैलता है। कई लोगों को भ्रम रहता है कि जिसकी आंख उठ आई है उसे देख लेंगे तो उनकी भी आंख इन्फेक्टेड हो जाएगी।
ऐसा बिल्कुल नहीं है। आई फ्लू देखने से नहीं, छूने से फैलता है।
सवाल: बच्चे को कंजंक्टिवाइटिस से बचाने के लिए क्या करें?
जवाब: बच्चे को आई फ्लू न हो, इसके लिए पेरेंट्स को ध्यान रखने की जरूरत है। पॉइंट्स से समझते हैं-
- बच्चे को बार-बार हाथ धोने का कहें।
- बारिश की बूंदों और छींटों से बचने के लिए छाता और रेनकोट यूज करें।
- बच्चे को हाथ से आंख रगड़ने से मना करें। साफ करने के लिए टिश्यू या रूमाल का यूज करें।
- बच्चे प्रिस्क्रिप्शन चश्मा पहनते हैं, तो उनके लिए हल्के, टिकाऊ और वॉटरप्रूफ फ्रेम चुनें।
- बच्चे को 20-20-20 नियम फॉलो कराएं। इसमें हर 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक लें और 20 फीट दूर किसी चीज को देखें।
- घर को साफ और प्रॉपर वेंटिलेशन रखें।
- बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाएं।
- पर्सनल चीजें जैसे रूमाल, तौलिए, तकिए और चश्मा किसी से शेयर न करें।
- बच्चे को ड्राई फ्रूट्स और हेल्दी फूड खिलाएं।
- इन्फेक्टेड पर्सन से बच्चे को दूर रखें।
- बारिश के मौसम में बच्चे को इनडोर गेम्स खेलने को कहें।
- बच्चे को पब्लिक स्विमिंग पूल में न जाने दें।
- पालतू जानवरों से बच्चों को दूर रखें।
सवाल: बच्चे को अगर आई फ्लू हो गया है तो घर में उसका ध्यान कैसे रखें?
जवाब: आई फ्लू के लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाएं। इन पॉइंट्स से बच्चों का ख्याल रखें।
- काला चश्मा पहनाएं।
- टीवी और मोबाइल से दूरी बनाएं।
- बार-बार आंख छूने से मना करें।
- आंख को गुनगुने पानी से हल्के हाथ से साफ करें।
- आंख को साफ करने के लिए साफ और सूती कपड़े का यूज करें।
- बारिश में भीगने न दें।
सवाल: आई फ्लू में कई लोग मेडिकल स्टोर से दवाई और आई ड्रॉप ले आते हैं, क्या ऐसा करना सही है?
जवाब: बिल्कुल नहीं। आई फ्लू इन्फेक्टेड बच्चा हो या बड़ा अपनी मर्जी से किसी को दवा या आई ड्रॉप न दें। इन्फेक्शन होने पर डॉक्टर को दिखाएं। कई बार ऐसा करने से रिस्क और बढ़ सकता है।