कूनो में एक और चीते की मौत:मादा चीता टिबलिसी की गई जान; अब तक 9 ने दम तोड़ा : जाने कब कितने और कैसे मरे चीते ?

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MP के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता धात्री (टिबलिसी) की मौत हो गई है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव ने कहा- धात्री सुबह मृत पाई गई। मौत की वजह पता लगाने के लिए पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है।

26 मार्च से अब तक 9 चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें तीन शावक भी शामिल हैं, जिनका जन्म कूनो में हुआ था।

इसके पहले कूनो प्रबंधन ने प्रेस नोट जारी कर कहा, ‘कूनो नेशनल पार्क में बाड़े में रखे गए 14 चीते (7 नर, 6 मादा और 1 शावक) स्वस्थ हैं। कूनो और नामीबिया के वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट्स लगातार उनका हेल्थ चेकअप कर रहे हैं।

इनके अलावा खुले जंगल में घूम रहीं दो मादा चीता पर निगरानी रखी जा रही है और उनको बाड़े में लाने के प्रयास जारी हैं। इन दोनों में से एक मादा चीता टिबलिसी आज सुबह मृत पाई गई।

टिबलिसी को 10 दिन से तलाश रही थी टीम
टिबलिसी कूनो नेशनल पार्क के खुले जंगल में घूम रही थी। उसे हेल्थ चेकअप के लिए लाया जाना था, पिछले 10 दिनों से वन विभाग की टीम उसे तलाश रही थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- राजस्थान शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कूनो में चीतों की मौत पर चिंता जता चुका है। कोर्ट ने 20 जुलाई को केंद्र सरकार से कहा था, ‘राजनीति से ऊपर उठकर कूनो से कुछ चीतों को राजस्थान शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए। क्यों नहीं आप राजस्थान में कोई अच्छी जगह ढूंढते? सिर्फ इसलिए कि राजस्थान में विपक्षी दल (कांग्रेस) की सरकार है, इसका मतलब यह नहीं कि आप इस प्रस्ताव पर विचार न करें।’

कोर्ट ने कहा था- अफ्रीका और नामीबिया से जितने चीते लाए गए थे, उनमें से 40 फीसदी की मौत हो चुकी है। इन्हें भारत लाए हुए अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ। मौतों का यह आंकड़ा अच्छी बात नहीं है। केंद्र की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी कोर्ट में पेश हुए थे।

कब-कब हुई कूनो में चीतों की मौत…

26 मार्च 2023: किडनी इन्फेक्शन से साशा की मौत
नामीबिया से लाई गई 4 साल की मादा चीता साशा की किडनी इन्फेक्शन से मौत हो गई थी। वन विभाग के मुताबिक 15 अगस्त 2022 को नामीबिया में साशा का ब्लड टेस्ट किया गया था, जिसमें गड़बड़ी पाई गई थी। इससे ये पुष्टि होती है कि साशा को किडनी की बीमारी भारत में लाने से पहले ही थी। साशा की मौत के बाद चीतों की संख्या घटकर 19 रह गई थी।

27 मार्च 2023 को नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था। इसके साथ ही कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 23 हो गई थी।

23 अप्रैल 2023: नर चीता उदय की हार्ट अटैक से गई जान
साउथ अफ्रीका से लाए गए चीते उदय की मौत हो गई थी। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट के आधार पर मध्यप्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान ने कहा था कि हार्ट में खून का बहाव रुकने के कारण उदय की मौत हुई। यह भी एक प्रकार का हार्ट अटैक है। इसके बाद कूनों में शावकों सहित चीतों की संख्या 22 रह गई थी।

9 मई 2023: मादा चीता दक्षा की मेटिंग के दौरान मौत
दक्षा को दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था। चौहान ने बताया कि मेल चीते को दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए भेजा गया था। मेटिंग के दौरान ही दोनों में हिंसक इंटरैक्शन हो गया। मेल चीते ने पंजा मारकर दक्षा को घायल कर दिया था। बाद में उसकी मौत हो गई। इसके बाद कूनों में शावकों सहित चीतों की संख्या 21 रह गई।

23 मई 2023: ज्वाला के एक शावक की मौत
मादा चीते ज्वाला के एक शावक की मौत हो गई। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन जेएस चौहान ने बताया कि ये शावक जंगली परिस्थितियों में रह रहे थे। 23 मई को श्योपुर में भीषण गर्मी थी। तापमान 46 से 47 डिग्री सेल्सियस था। दिनभर गर्म हवा और लू चलती रही। ऐसे में ज्यादा गर्मी, डिहाइड्रेशन और कमजोरी मौत की वजह हो सकती है। इसके बाद कूनो में शावकों सहित चीतों की संख्या 20 रह गई थी।

25 मई 2023: ज्वाला के दो और शावकों की मौत
पहले शावक की मौत के बाद तीन अन्य शावकों को विशेषज्ञों की देखरेख में रखा गया था। इनमें से दो की मौत हो गई। ज्यादा तापमान होने और लू के चलते इनकी तबीयत खराब होने की बात सामने आई। ज्वाला के इकलौते बचे शावक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। इसके बाद कूनो में एक शावक सहित 18 चीता बचे थे।

11 जुलाई 2023: नर चीता तेजस की जान गई
चीते तेजस की गर्दन पर घाव था, जिसे देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि चीतों के आपसी संघर्ष में उसकी जान गई। तेजस की मौत के बाद कूनो नेशनल पार्क में 17 चीते बचे थे।

14 जुलाई 2023: मेल चीता सूरज ने दम तोड़ा
अफ्रीका से लाए गए मेल चीता सूरज का शव 14 जुलाई की सुबह मिला। जानकारी के अनुसार तेजस और सूरज के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस संघर्ष में सूरज भी गंभीर रूप से घायल हो गया था। सूरज की मौत के बाद कूनो नेशनल पार्क में 16 चीते बचे थे।

एक मादा शावक समेत 14 चीते बाड़े में, एक बाहर

कूनो नेशनल पार्क में अब 15 चीते बचे हैं। इनमें 7 नर, 6 मादा और 1 मादा शावक बाड़े में है और स्वस्थ है। एक मादा चीता अभी खुले जंगल में घूम रही है।

चीतों की मौत का सिलसिला क्यों नहीं थम रहा?
साउथ अफ्रीका की एक स्टडी में 293 चीतों की मौत को डॉक्यूमेंट किया गया है। इसमें चीतों की मौत की दर बताई गई है। इसमें बताया गया है कि…

  • शिविर में रखने की वजह से 6.5% चीतों की मौत हुई।
  • एक जगह से दूसरी जगह ले जाने यानी रिलोकेशन में 7.5% चीतों की मौत होती है।
  • ट्रैकिंग डिवाइस की वजह से 0.7% चीतों की जान गई।

इन तीन वजहों से 15% चीतों की मौत होती है। यानी हर 7 में से एक चीते की मौत देखभाल और रखरखाव के लिए किए गए बाकी इंतजामों की वजह से होती है। इस स्टडी में चीते की मौत का सबसे बड़ा कारण (53.2%) शिकार होना है। इसके लिए शेर, तेंदुआ, लकड़बग्घे और सियार को मुख्य जिम्मेदार बताया गया।

स्टडी में बताया गया कि इनके अलावा वार्थोग, बबून, सांप, हाथी, मगरमच्छ, गिद्ध, जेबरा और यहां तक ​​कि शुतुरमुर्ग सहित कई अन्य वन्यजीवों ने भी चीतों को मारा है।

एनटीसीए ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- मौतें परेशान करने वाली, लेकिन चिंताजनक नहीं
कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों की मौत को केंद्र सरकार ने परेशान करने वाला माना है, लेकिन यह भी कहा है कि ये चिंताजनक नहीं है।

केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने 31 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में दिए गए संयुक्त हलफनामे में यह कहा। हलफनामे में चीतों की मौत का कारण प्राकृतिक बताया गया है।

हलफनामे में कहा गया है, ‘कूनो में लाए गए चीतों का लगातार मेडिकल चेकअप किया जा रहा है। यहां अब तक 8 चीतों (5 वयस्क और 3 शावक) में से किसी की भी मौत शिकार, जहर देने, एक्सीडेंट होने या करंट लगने जैसे अप्राकृतिक कारणों से नहीं हुई है।

भारत की जलवायु में चीतों के जीवित रहने की दर करीब 50 फीसदी ही है। शावकों में ये दर मात्र 10 प्रतिशत है। वेटरनरी केयर, लगातार निगरानी और मैनेजमेंट समेत चीतों के व्यवहार से संबंधित खास पहलुओं पर स्पेशलिस्ट की सलाह को ध्यान में रखते हुए उनकी देखरेख की जा रही है।’

पीएम मोदी ने पिछले साल अपने जन्मदिन पर छोड़े थे चीते
17 सितंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में रिलीज किया था। इस साल 18 फरवरी को साउथ अफ्रीका से 12 और चीतों को कूनो में छोड़ा गया था। यानी कुल 20 चीते लाए गए थे। इनमें से अब तक 9 चीतों की मौत हो चुकी है।

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