Satna News विधायक विक्रम सिंह की विकासवादी मंशानुसार महुरछ -कदैला में महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज परिकल्पना साकार हो रही है

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सतना – आजादी के बाद महात्मा गांधी ने ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर एवं खुशहाल बनाने के लिए ग्राम स्वराज की परिकल्पना की थी । उसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत किया । लेकिन आजादी के 75 वर्ष बाद भी महात्मा गांधी की परिकल्पना साकार नहीं हो सकी और ग्राम पंचायत सोने का अंडा देने वाली मुर्गी बन कर रह गई ।भारत अगर ग्रामीण विकास में पिछड़ा है तो वह सिर्फ ग्राम पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण है । जो सरपंची इमानदारी से ग्राम विकास करना चाहता है वह बदनाम करने में लग जाते हैं विध्न संतोष उसमें रुकावट डाल कर शादी को बदनाम करने में लग जाते हैं। ऐसा ही मामला सतना रीवा हाईवे पर स्थित ग्राम पंचायत महुरछ-कदैला में देखने को मिला जहां एक प्रायाजित दुष्प्रचार चल रहा है ऐसे में “राइजिंग सतना” के रिपोर्टर गांव पहुंचकर हकीकत का जायजा लिया तो की कहानी पूरी तरह उल्टी निकली । यहां के सीनियर सिटीजन सरपंच शमशेर सिंह बघेल लोकप्रियता के शिखर पर होकर क्षेत्रीय विधायक विक्रम सिंह “विक्की भइया” की विकासवादी मंशानुसार ग्राम विकास में जुटे मिले ।
यहां माते श्री कूप से बृजभूषण सिंह एवं उदय सिंह के घर तक पीसीसी रोड से हाईवे को जोड़ा गया । इस रोड की गुणवत्ता अन्य सरपंचों को प्रेरित करने वाली है ‌। वहीं निजी एवं जनसहयोग से हरिजन बस्ती की सड़क का निर्माण हो रहा है , कीचड़ से मुक्ति पर दलित वर्ग प्रसन्न नजर आया । गांव में शानदार सामुदायिक भवन का निर्माण करवाया है जबकि खाद्यान्न वितरण हेतु भवन निर्माणाधीन है । ग्रामवासियों ने बताया कि छिबौरा मोड़ से अंदर गांव तक 3 किलोमीटर सड़क चलने लायक तक नहीं थी इस मार्ग में 250 मीटर ही सरकारी भूमि थी बाकी ग्रामवासियों की निजी आराजी थी 2002 में जब वर्तमान सरपंच शमशेर सिंह बघेल गांव के उपसरपंच थे तब उन्होंने अपनी कुशल सामाजिक प्रतिबद्धता का परिचय देते हुए ग्राम वासियों से जमीन लेकर सड़क बनवाई । आज यह सड़क विधायक विक्रम सिंह के प्रयासों से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में शामिल हो चुकी है । वहीं माते श्री कृप से हरजन बस्ती तक निजी संसाधनों से बन रही सड़क आदिम कल्याण विभाग द्वारा पक्की बनाने की तैयारी है सिर्फ प्रधानमंत्री के अनुमोदन का इंतजार है ।
हमारी टीम में 2 वर्ष पहले भी यहां के गौशाला का निरीक्षण किया था । अब फिर पहुंचकर देखा तो जमीन आसमान का अंतर नजर आया । गौमाता स्वस्थ और तंदुरुस्त मिली । पूरा गोदाम भूतों से भरा मिला, वहां की व्यवस्था देखकर सुकून और संतोष मिला, ऐसा लगा मानो इन्हीं गौ वमाताओं के श्राप से पंचायत का निजाम बदला है । वर्तमान सरपंच द्वारा पेयजल समस्या के निदान हेतु चार हैंडपंप में मोटर डलवाई गई है । ग्राम के सरपंच शमशेर सिंह बघेल ने बताया कि गांव की जनता जनार्दन ने उन्हें पुराने कार्यों एवं सेवाओं को देखकर ही 196 मतों से विजयी बनाया है । मैं उनके विश्वास को कभी खंडित नहीं होने दूंगा एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि को लोग किस तरह साजिश के साथ बदनाम करते हैं यहां के दौर के बाद समझ में आया ।

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इनका कहना है
ग्राम पंचायत के उपसरपंच रामचरित आदिवासी, राजेश आदिवासी, गोकुल आदिवासी, तीरथ आदिवासी ,भइयन आदिवासी , बच्चा आदिवासी, मदीप आदिवासी ,भगवानदीन आदिवासी , जवाहर आदिवासी ने बताया कि हमारे सरपंच दाऊ साहब हमारे लिए 24 घंटे तत्पर रहते हैं।हमें शासन की सभी योजनाओं का लाभ समय पर मिलता है हमारे गांव का विकास हो रहा है ।
रामचरित आदिवासी उपसरपंच ग्राम पंचायत महुरछ-कदैला

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