सतना मुख्यमंत्री अन्न दूत योजना में चयनित उम्मीदवार युवा बेरोजगार एक बार फिर ठगा सा महसूस कर रहे हैं
सतना जिले में विभाग के अधिकारियों की लेट लतीफी और अरूचि के चलते योजना अपने निर्धारित समय से काफी लेट चल रही है। विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने प्रदेश भर के जिलों के खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों से योजना के हितग्राहियों के माध्यम से 1मई से राशन दुकानों में खाद्यान्न पहुंचाने की डेड लाइन दी थी। लेकिन जिले में डेड लाइन के बाद अधिकारियों में जागृति आई और बेमन से लाटरी डाल कर 28 सेक्टरों में हितग्राहियों को चयनित किया।अब चयनित आवेदकों को बैंक में डेढ़ लाख रुपए मार्जिन मनी और 10 हजार 500 रूपये स्टांप ड्यूटी के लिए जमा करा लिए गए।सब कुछ होने के वावजूद योजना में चयनित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने हितग्राहियों के ऋण स्वीकृत करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।एक महीने तक सब कुछ रिकार्ड कम्पलीट होने पर भी एक भी प्रकरण में वाहन का ऋण स्वीकृत नहीं किया गया। दरअसल यहां के अधिकारियों पर दसिको से खाद्यान्न का उठाव और परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर का अधिकारियो पर इतना दबाव है कि वह नहीं चाहते कि ट्रांसपोर्टर के हितों के विरुद्ध कोई योजना कारगर हो । लिहाजा जिले के युवा बेरोजगार अब अपनी जमा पूंजी मार्जिन मनी और स्टैंप ड्यूटी में चुकाकर ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
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