रीवा जिले के चाकघाट नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत कई वार्डों के हितग्राही इन दिनों खाद्यान्न दुकानों का चक्कर काट रहे हैं। परन्तु इस भीषण गर्मी के बीच उन्हें खाद्यान्न नसीब नहीं हो रहा है। शासन द्वारा कम दर एवं नि:शुल्क खाद्यान्न के भरोसे जीवन यापन करने वाले विभिन्न वर्गों के लोग भटकने को मजबूर हैं। बता दें कि चाकघाट के पुरानी गल्ला मंडी स्थित संचालित विपणन सहकारी समिति में आधा दर्जन से अत्यधिक वार्ड के लोग निर्भर हैं। जिन्हें इस माह अभी तक खाद्यान्न नहीं मिला है। वहीं मामले में जब विपणन सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक सत्यनारायण द्विवेदी से जानकारी प्राप्त की गई तो बताया गया कि परिवहनकर्ता द्वारा खाद्यान्न नहीं पहुंचाया गया है जिसकी वजह से वितरण में समस्या उत्पन्न हो रही है। वही विपणन सहकारी समिति में कुल सात वार्डों (3,4,5,6,9,10,12) के साथ अन्य हितग्राही भी निर्भर हैं। जिस पर खाद्यान्न हितग्राहियों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों से तत्काल मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करने मांग की है। बता दें कि जिले भर में आए दिन गरीबों के निवालों पर डाका डालकर कालाबाजारी करने का मामला प्रकाश में आता रहता है। जहां हितग्राहियों के मन में खाद्यान्न पर गोलमाल जैसे प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं।
एक निश्चित समय पर हो औचक निरीक्षण
शासन द्वारा उपलब्ध करवाए जाने वाले खाद्यान्न पर अक्सर मॉनिटरिंग की कमी देखी जाती है जिसकी वजह से हितग्राही खाद्यान्न से वंचित हो जाता है और गरीबों के खाद्यान्न को बेचकर कोटेदार सहित मिलीभगत में शामिल अन्य लोग मालामाल हो रहे हैं। डिजिटल नहीं था तब भी और डिजिटल हो गया है तब भी पारदर्शिता नहीं बन पा रही है। इन पर नियंत्रण हेतु खाद्य विभाग के अधिकारी भी बैठाए गए हैं जिनके द्वारा कार्य के प्रति जमकर लापरवाही की जाती है। ऐसी अव्यवस्थाओं के रोकथाम हेतु अगर प्रतिमाह एक टीम द्वारा औचक निरीक्षण कर जमीनी स्थिति से रूबरू हो तो निश्चित रूप से उत्पन्न होने वाली अव्यवस्थाओं पर लगाम लगाया जा सकता है।