ग्वालियर। मध्य प्रदेश की ग्वालियर हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में अनूठा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में आरोपी छात्र के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी है। दरअसल 14 मार्च को पड़ाव थाने में एक छात्रा ने 28 साल के छात्र के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का केस दर्ज कराया था। इस मामले में आरोपी छात्र ने भी याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने इसकी भी सुनवाई की।
कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दोनों के बीच सहमति से संबंध बने हैं। लेकिन, छात्रा ने शादी का दबाव डालने के लिए रेप का आरोप लगाया है। ऐसे में छात्र के खिलाफ दुष्कर्म का केस चलाने की कोई जरूरत नहीं। साथ ही हाई कोर्ट ने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि इस मामले का छात्र के करियर पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह कोई आपराधिक मामला नहीं है।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल भरोसा तोड़ने और शादी का झूठा वादा करने में अंतर है। इस केस में पीड़िता आरोपी के साथ रिलेशनशिप में थी। ऐसे में ये नहीं कहा जा सकता कि तथ्यों को छुपाकर संबंध बनाने के लिए सहमति प्राप्त की गई। ज्यादा से ज्यादा ये कहा जा सकता है कि आरोपी ने शादी करने का वादा तोड़ दिया। चूंकि युवक प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस केस का आरोपी के कैरियर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।