जितना प्यार इंसान को पशुओं से है, इंसान के प्रति जानवरों का प्रेम भी कम नहीं है. इसकी मिसाल झारखंड के रांची में देखने को मिली. यहां एक गाय का बछड़ा अपने मालिक के अंतिम संस्कार में शामिल होने रस्सी तोड़कर पहुंच गया. मालिका का शव देखते ही बछड़ा बेहाल हो गया. अंतिम संस्कार की रस्में पूरी होने तक बछड़ा वहां से नहीं हटा.
झारखंड के रांची में एक शख्स की मौत के बाद उसकी गाय का बछड़ा रस्सी तोड़कर अंतिम संस्कार में शामिल होने श्मशान घाट पहुंच गया. लोगों ने उसे आवारा पशु समझकर भगाना चाहा, लेकिन लाठी खाकर भी वह नहीं हटा. शव के पास ही खड़ा रहा. इसके बाद एक व्यक्ति ने वहां मौजूद अन्य लोगों को बताया कि यह मृतक का ही बछड़ा है.
जब लोगों ने बछड़े के सामने मृतक का चेहरा खोला, तो वह जोर-जोर से आवाज करने लगा. इसके बाद अंतिम संस्कार की सभी रस्मों में उसे भी शामिल किया गया.
जानकारी के अनुसार, हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के ग्राम पंचायत चैथी में इंसान और जानवर के बीच ऐसा प्यार देखने को मिला. इसे देखकर लोग भावुक हो गए. चैथी के रहने वाले मेवालाल ठाकुर का निधन हो गया था. उनके अंतिम संस्कार के लिए जब लोग निकले, तो रस्सी तोड़कर बछड़ा भी उनकी शव यात्रा में शामिल हो गया.
आवारा पशु समझकर भगाने लगे लोग, लेकिन नहीं भागा बछड़ा
लोग जब शव लेकर श्मशान पहुंचे, तो बछड़ा शव के पास पहुंचकर चारों तरफ घूमने लगा. सबको लगा कोई आवारा पशु है. लोग उसे भागने लगे. लाठी भी मारी लेकिन इसके बाद भी बछड़ा शव से दूर नहीं हुआ. उसी दौरान किसी ने जानकारी दी कि ये मेवालाल का ही बछड़ा है, जिसे मेवालाल ने तंगहाली में कुछ दिन पहले बेच दिया था.
अंतिम संस्कार की सभी रस्मों में शामिल हुआ बछड़ा
बछड़ा पार्थिव शरीर के पास घूमने लगा, जैसे वह अपने मालिक को आखिरी बार देखना चाहता हो. इसके बाद लोगों ने अर्थी से कपड़ा हटाकर चेहरा खोल दिया. मालिक का चेहरा देखते ही बछड़ा जोर-जोर से आवाज करने लगा. वहां मौजूद लोग यह दृश्य देखकर कर बेहद भावुक हो गए.
इसके बाद दाह संस्कार के दौरान जो कार्य एक मनुष्य करता है, वह सभी कार्य बछड़े से भी कराए गए. बछड़े ने लकड़ी मुंह से पकड़कर रखी और मुखाग्नि के दौरान भी साथ में खड़ा रहा. लोगों के साथ पंचफेरी भी लगाई.
अंतिम संस्कार तक बछड़ा लोगों के बीच ही बना रहा. बछड़े की आंखों से आंसू बहाते रहे. यह मार्मिक दृश्य देख लोगों की आंखों में आंसू आ गए. यह घटना लोगों ने कैमरे में कैद कर ली. लोगों का कहना है कि मेवालाल की कोई संतान नहीं थी. उन्होंने इस बछड़े को अपने बेटे की तरह पाला-पोसा था.