70 साल बाद भारत में फिर से चीतों की वापसी होगी। देश से लुप्त हो चुके इस जीव को नामीबिया से लाकर मध्य प्रदेश के कूनो में शनिवार को छोड़ा जाएगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। नामीबिया से लाए गए इन चीतों का पहला वीडियो सामने आया है।
प्रोजेक्ट चीता से जुड़े 6 बड़े फैक्ट्स
1. प्रोजेक्ट चीता के चीफ एसपी यादव ने कुछ अहम बातें बताई हैं। उनके मुताबिक, नामीबिया से चीते बोइंग 747 से आएंगे यानी जंबो जेट से। इस एयरक्राफ्ट को इसलिए चुना गया है ताकि री-फ्यूलिंग के लिए रुकना न पड़े और चीते डायरेक्ट इंडिया आएं। ये एयरक्राफ्ट बिना रुके दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक जा सकता है।
प्रोजेक्ट चीता के लिए इस जंबो जेट को स्पेशियली डिजाइन किया गया है। नामीबिया से यह शुक्रवार शाम 5 बजे भारत के लिए उड़ान भरेगा। फोटो नामिबिया में भारत के हाईकमिश्नर ने पोस्ट की है।
2. फ्लाइट में 8 चीतों के साथ क्रू, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट, डॉक्टर्स, साइंटिस्ट, नामीबिया में भारत के हाई कमिश्नर मौजूद रहेंगे। इनके अलावा चीता एक्सपर्ट लॉरी मार्कर अपने 3 बायोलॉजिस्ट के साथ मौजूद रहेंगे।
4. चीतों के लिए इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के स्पेशल क्रेट्स रहेंगे। ये लकड़ी के बने होंगे। चीते नामीबिया से 16 सितंबर को शाम 5 बजे निकलेंगे और 17 सितंबर की सुबह 7:30 बजे कूनो पहुंचेंगे।
5. सभी चीतों की मॉनिटरिंग के लिए उन्हें सैटेलाइट रेडियो कॉलर पहनाया जाएगा। इससे उनकी लोकेशन मिलती रहेगी। हर चीते की मॉनिटरिंग के लिए एक व्यक्ति होगा, जो इनके मूवमेंट और हर अपडेट्स की जानकारी देगा.
6. प्रधानमंत्री मोदी 3 चीतों को कूनो में छोड़ेंगे। बाकी चीतों को उनके अपने इलाकों में बाद में छोड़ दिया जाएगा।
जानिए भारत आ रहे चीतों को ग्राफिक्स के जरिए
चीते से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट को जानिए
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कूनो में लड़ सकते हैं चीते और तेंदुए
70 साल बाद जंगल की सत्ता में परिवर्तन
वन विहार भोपाल के पूर्व डायरेक्टर डॉ. सुदेश वाघमारे से पूछा कि तेंदुओं का क्या होगा? फिर कूनो पहुंचकर CCF उत्तम शर्मा से और अन्य अधिकारियों से भी यही सवाल दोहराया।
वाघमारे ने बताया कि जंगल में सबसे ताकतवर जानवर का ही राज चलता है। चीता तेंदुओं से ज्यादा शक्तिशाली और फुर्तीला है। 20 सेकंड में अपने शिकार को झपट्टा मारने का माद्दा रखता है। ये भी तय है कि तेंदुओं और चीतों के बीच शिकार को लेकर फाइट होगी, लेकिन दोनों की अपनी स्ट्रैटजी है।
120 किमी/घंटे की रफ्तार, मिनटभर में शिकार का काम तमाम
मोदी के जन्मदिन पर 8 चीतों का तोहफा क्यों है बेहद खास?
चीते की रफ्तार को लेकर वैज्ञानिक अनुमान है कि यह 120 किमी/घंटा तक तेजी हासिल कर सकता है। टॉप स्पीड पर चीता 23 फीट यानी करीब 7 मीटर लंबी छलांग लगाता है। चीता हर एक सेकेंड में ऐसी 4 छलांग लगाते हुए दौड़ता है। मिनटभर के भीतर अपने शिकार का काम तमाम कर देता है।
ऐतिहासिक इवेंट की पूरी रिपोर्ट, पिंजरे के ऊपर होगा प्रधानमंत्री का मंच
कूनो नेशनल पार्क के गेट पर अफसरों की गाड़ियां हर 10 मिनट में भीतर-बाहर हो रही हैं। चीतों के आने से ज्यादा इस बात को लेकर हलचल है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर इन चीतों के पिंजरे खोलेंगे। सवाल यह है कि जंगल के सबसे तेज दौड़ने वाले इस जानवर से क्या प्रधानमंत्री की सुरक्षा को खतरा नहीं है?