नगर निगम चुनाव में पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए आयोग का गठन किया गया था,रिपोर्ट सौंपने वाले आयोग के पांचों पिछड़े वर्ग के सदस्य जूता उतार कर योगी और उनके अधीनस्थों को सौंप रहे हैं, जबकि योगी और उनके अधीनस्थों ने पैर में जूता पहन रखा। जिस आयोग के सदस्य जूता पहनकर योगी जी के सामने खड़े नहीं हो सकते वह पिछड़े वर्ग के अधिकार के लिए क्या रिपोर्ट दिए होंगे ? आप लोग खुद ही अंदाजा लगा लीजिए। रिटायर्ड जस्टिस राम अवतार सिंह आयोग के अध्यक्ष सदस्यों में चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, संतोष विश्वकर्मा और ब्रजेश सोनी है। इन पिछड़े वर्ग आयोग के सदस्यों की इतनी भी हैसियत नहीं है कि वह जूता पहन कर योगी जी के समक्ष खड़े हो सके। और इन लोगों के कंधों पर जिम्मेदारी थी पिछड़ों का हक दिलाने की।







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