REWA कर्ज लेकर शिवराज सरकार चला रही चुनावी विकास यात्रा शिव सिंह

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रीवा कर्ज पर कर्ज लेकर मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पर चुनावी विकास यात्रा चलाने का आरोप लगाते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक शिव सिंह ने कहा कि शिवराज सरकार 14 फरवरी को बाजार से एक बार फिर तीन हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज ले चुकी है वही पिछले 20 दिनों में सरकार पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज बाजार से ले चुकी है और नए लिए जाने वाले कर्ज को मिलाकर यह राशि आठ हजार करोड़ रुपये हो चुकी है वही लिए गए कर्ज का पूर्ण भुगतान 11 वर्ष में किया जाएगा तथा इस बीच वर्ष में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान किया जाएगा यानी कि वर्तमान वित्त वर्ष में राज्य सरकार अब तक 17 हजार करोड़ रुपये का कर्ज अपनी सिक्युरिटीज का विक्रय कर ले चुकी है तथा इस नए कर्ज को मिलाकर यह राशि 20 हजार करोड़ रुपये हो जाती है वर्तमान में शिवराज सरकार पर कर्ज का कुल भार तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है श्री सिंह ने कहा कि उक्त पैसे से मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिलों में सरकार के लोग दस्तावेजों में विकास यात्राओं के माध्यम से विकास की घोषणा कर रहे हैं सरकार 3 वर्षों में महंगाई गरीबी बेरोजगारी दूर करने में फेल रही है खेती किसानी के लिए जमीन पर कोई काम नहीं हुए किसान का कहना है कि हमें एमएसपी की गारंटी चाहिए किसान सम्मान निधि नहीं चाहिए लेकिन सरकार एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने किसानों से बात तक करने को तैयार नहीं है सरकार का तात्कालिक बजट जनविरोधी रहा वृक्षारोपण एवं सड़कीकरण के नाम पर व्यापक भ्रष्टाचार किया गया अब कर्ज के पैसे से शिवराज सरकार 3 वर्ष बनाम 5 महीने का खेल खेलने जा रही है विगत दिवस सीधी जिले की विकास यात्रा में शामिल सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि 10 जून से महिलाओं के खाते में प्रतिमाह एक एक हजार रुपए भेजे जाएंगे इससे स्पष्ट होता है कि सरकार वर्तमान कार्यकाल के 3 वर्षों तक मतदाताओं से दूरी बनाकर चलती रही महंगाई गरीबी बेरोजगारी दूर करने कोई कदम नहीं उठाया अब चुनाव नजदीक है अक्टूबर महीने से चुनाव आचार संहिता लागू हो जानी है ऐसे समय में महिला मतदाताओं को लुभाने प्रतिमाह एक एक हजार रुपए देने की घोषणा की गई है इस बात को प्रदेश की सम्माननीय महिला मतदाताओं को समझना चाहिए और जवाब भी देना चाहिए कि उनके वोट की कीमत हजार रुपए नहीं है उनकी सरकार की हर योजनाओं में भागीदारी होनी चाहिए महंगाई कम होनी चाहिए गरीबी बेरोजगारी दूर होनी चाहिए.

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