हमारी इस रिपोर्ट मे हम आजाद भारत के लिए पहला व्यक्तिगत पदक जीतने वाले महान पहलवान खशाब दादा साहब को ट्रिब्यूट दे रहे है, जिन्होंने 1952 ओलंपिक मे भारत के लिए कांस्य पदक जीता, लेकिन सरकारी उपेक्षा के शिकार दादा साहब गुमनामी की जिंदगी जीते हुए 3 दशक पहले धरती से विदा हो गए। किताबों और भारतीय जनमानस ने भले ही इस महान खिलाड़ी को अपने जहां मे कम रखा हो लेकिन गूगल ने आज इनके जन्मदिन पर डूडल बनाकर ट्रिब्यूट दिया है । उम्मीद है ये रिपोर्ट आपको पसंद आएगी।







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