Friday, December 5, 2025

DINDORI: अंतराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के उपलक्ष्य में डिंडोरी जिले के कुटेला ग्राम में जैविक उत्पादक संसाधन केंद्र (बी.आर.सी) का उद्घाटन किया गया।

अंतराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के उपलक्ष्य में डिंडोरी जिले के कुटेला ग्राम में जैविक उत्पादक संसाधन केंद्र (बी.आर.सी) का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर सुश्री अभिलाषा चौरसिय, डेप्युटी डायरेक्टर ऑफ एग्रीकल्चर, सुश्री नेहा धुरिया (ए.डी.ए.), श्री एच.एस. अथैया (एस.ए.डी.ओ.), श्री संतोष उईके (आत्मा), सुश्री पौलोमी मलिक और तान्या राव (प्रदान), फेडरेशन लीडर्स एवं हल चलित महिला किसान वूमेन प्रड्यूसर कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर मौजूद थे।

यह बी.आर.सी श्रीमती मीरा देवी, अप्रैल 2022 से संचालन करते आ रहे हैं। बी.आर.सी. एक उत्पादन एवं संसाधन केंद्र है जिसे प्रदान द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है। बी.आर.सी. को बढ़ावा देने के पीछे का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य किसानों के बीच जैविक उर्वरकों और कीटनाशकों के उत्पादन और वितरण की एक केंद्रीकृत व्यवस्था तैयार करना है।

वर्तमान में, मीरा दीदी चार अलग उत्पाद बना रही हैं: मिट्टी की उत्पादकता बढ़ाने के लिए जैव उर्वरक के रूप में मटका खाद, वर्मी वॉश और वेस्ट डीकंपोजर, और कीट के हमले को नियंत्रित करने के लिए अग्नि अस्त्र जैविक कीटनाशक के रूप में।

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उनका मानना ​​है कि जैविक उत्पादक के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। एक बार जब किसान जागरूक हो जाते हैं, तो इसे कैसे, कितनी मात्रा में और कब इस्तेमाल करना चाहिए, इसके बारे में प्रशिक्षण आवश्यक होता है। उन्हें उम्मीद है कि उनके उत्पादों का ग्राहक आधार अच्छा होगा। उन्हें लगता है कि महिला किसानों को अपने परिवार के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और भूमि के क्षरण को कम करने के लिए प्राकृतिक उर्वरकों को अपनाना चाहिए – भले ही यह कम भूमि पर ही क्यों न हो, उन्हें इसका उपयोग करना शुरू कर देना चाहिए।

मीरा देवी को अपनी यात्रा और अपने व्यवसाय के माध्यम से जिस तरह का प्रभाव बनाने में सक्षम रही है, उस पर उन्हें गर्व है। वह दर्शाती है कि व्यवसाय ने उन्हें और अधिक आत्मविश्वास देने में मदद की है। उन्हें देश विदेश के लोगों के साथ बातचीत करने का मौका मिला है और अब एक उद्यमी के रूप में पहचानी जाती हैं। गांव की महिलाओं ने उनका समर्थन किया है और हर उनकी ओर देखती हैं। उनकी राय को महत्वपूर्ण और मूल्यवान माना जाता है।

इस दौरान पुनर्योजी कृषि, कोदो कुटकी के मूल्यवर्धन, सिंचाई सुविधाओं के प्रावधान और प्रधानमंत्री कृषि उद्यमी योजना के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। कृषि विभाग ने सिंचाई पर विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और आगे इन योजनाओं से जोड़ने का आश्वासन दिया।

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