जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की एक और खौफनाक साजिश का पर्दाफाश हुआ है। पाकिस्तान की सेना के एसएसजी कमांडो अब आतंकवादियों के रूप में भारत में घुसपैठ कर रहे हैं। यह नया खुलासा सुरक्षा एजेंसियों द्वारा तैयार की गई एक ब्लैकलिस्ट के आधार पर हुआ है, जिसमें पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों के खिलाफ सबूत पेश किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर में हो रहे हमलों के पीछे पाकिस्तान की भूमिका अब और भी स्पष्ट होती जा रही है, और इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर सुरक्षा एजेंसियों ने तगड़ी रणनीतियां तैयार की हैं। यह खुलासा इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह पाकिस्तान की टेरर फैक्ट्री का काला चेहरा उजागर करता है, जो अब पूरी दुनिया के सामने है।
पाकिस्तान की सेना अब अपनी फांसी की सजा काट रहे नागरिकों को भारत में आतंक फैलाने के लिए भेज रही है। यही नहीं, इन लोगों को आतंकी ट्रेनिंग देकर भारतीय सीमा में घुसपैठ करवा दिया जाता है। एबीपी न्यूज के हाथों में आई एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों के पास ऐसे कई सबूत हैं, जो यह साबित करते हैं कि पाकिस्तान किस तरह अपनी सेनाओं और जेलों से आतंकवादियों की एक नई खेप तैयार कर रहा है। इन साजिशों के खिलाफ भारत की सुरक्षा एजेंसियां अब उन उपकरणों और दस्तावेजों के आधार पर मामले को और मजबूत बना रही हैं, जो मारे गए आतंकवादियों के कब्जे से मिले हैं।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, जुलाई 2024 में कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में मारे गए आतंकी उमर फारूक सुल्तान के दोस्त नोमान जियाउल्लाह की पहचान पाकिस्तान के एबटाबाद से हुई थी, जहां ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी फोर्सेज ने मार गिराया था। नोमान और सुल्तान का संबंध पाकिस्तान की एसएसजी कमांडो यूनिट से था, जिससे साफ हो जाता है कि पाकिस्तान किस तरह अपने विशेष कमांडो को भारत भेजकर आतंक फैलाने की साजिश रच रहा है। इसके अलावा, अगस्त 2024 में भारतीय सेना ने तंगधार सेक्टर में एक और आतंकी जहीर अहमद अब्बास को मार गिराया, जो पहले रावलपिंडी की सेंट्रल जेल में बंद था। यह आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने से पहले एक आपराधिक मामले में फांसी की सजा काट रहा था, लेकिन पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसे जेल से बाहर निकालकर जिहादी बना दिया और भारतीय सीमा पर भेज दिया।
इतना ही नहीं, भारतीय सेना ने पिछले साल एलओसी पर 20 आतंकवादियों को मार गिराया और जम्मू कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में 23 और आतंकवादियों को ढेर किया। इनमें से 70-80 प्रतिशत आतंकी पाकिस्तान के थे, जिनके पाकिस्तानी नागरिक होने के सबूत सुरक्षा एजेंसियों के पास हैं। इसके साथ ही, सेना को एनकाउंटर के दौरान आतंकियों के कब्जे से पाकिस्तानी सेना के रेडियो सेट, सर्जिकल ग्लव्स, इंजेक्शन और दवाइयां भी बरामद हुई हैं। यह सारे सबूत यह सिद्ध करते हैं कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद अब और भी संगठित और गंभीर रूप ले चुका है।
सुरक्षा एजेंसियों के पास अब यह तस्वीरें भी हैं, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के रावलकोट और अन्य इलाकों में मारे गए आतंकियों के जलसों की हैं। ये जलसे पाकिस्तानी पुलिस की सुरक्षा में आयोजित किए जाते हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियां आतंकवादियों को शह देती हैं। पाकिस्तान की इस साजिश के खिलाफ अब भारत की सुरक्षा एजेंसियां सख्त कदम उठा रही हैं और इसकी योजना को नाकाम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।






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