क्या आप जानते हैं कि एक आतंकी हमले के बाद शेयर बाजार में ऐसा भूचाल आ सकता है जिससे लोग रातों-रात करोड़पति बन जाएं? सिर्फ गोलियों की आवाज़ नहीं, इस बार पहलगाम की घाटियों से गूंजे हैं शेयर मार्केट के धमाके! आतंकवाद ने भले देश को झकझोर दिया हो, लेकिन इससे भारत के रक्षा क्षेत्र की साख और निवेश की धार और तेज हो गई है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि कैसे इस हमले के बाद डिफेंस शेयरों में लगी आग ने निवेशकों की किस्मत चमका दी।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। निहत्थे पर्यटकों पर किए गए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई। इस वीभत्स हमले के बाद देशभर में गुस्सा और चिंता का माहौल है। लेकिन इसके साथ ही एक और हलचल दिखी—शेयर बाजार में। जैसे ही इस आतंकी हमले की खबर फैली, डिफेंस सेक्टर के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली। निवेशकों को लगने लगा कि भारत अब रक्षा तैयारियों को और सुदृढ़ करेगा, जिससे इन कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ेगा। इसी उम्मीद ने बाजार में निवेश की एक नई लहर ला दी।
सबसे ज्यादा चर्चा में रहा पारस डिफेंस का शेयर। मंगलवार को इसने 15 फीसदी की जबरदस्त छलांग लगाई और 1316 रुपये तक पहुंच गया। वहीं दो दिनों में यह शेयर कुल 25% तक उछल चुका है। बुधवार को भी इसमें 10% की तेजी बनी रही। खास बात यह रही कि इसी दिन कंपनी के मार्च तिमाही के नतीजे आने वाले थे और बोर्ड की बैठक में डिविडेंड और स्टॉक स्प्लिट जैसे बड़े प्रस्तावों पर भी चर्चा होनी थी। इसका फायदा शेयर को मिला और निवेशक लगातार खरीदारी करते रहे। यह एक आर्थिक ‘परफेक्ट स्टॉर्म’ की तरह था, जिसमें उम्मीद, डर और रणनीति—all in one place!
पारस डिफेंस ही नहीं, पूरा डिफेंस सेक्टर हरे निशान में तैरता नजर आया। निफ्टी डिफेंस इंडेक्स में 5.5% की उछाल दर्ज की गई और दो दिनों में ये इंडेक्स 10% चढ़ चुका है। बीईएल, कोचिन शिपयार्ड, गार्डन रिच शिपबिल्डर्स, मजगांव डॉक शिपबिल्डर्स, और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स जैसे नामों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। डेटा पैटर्न्स के शेयर 12%, कोचिन शिपयार्ड 9%, मजगांव डॉक 7% और HAL में 3% की तेजी देखी गई। वहीं भारत इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयर 4.72% उछलकर 319 रुपये पर पहुंचे और टॉप गेनर साबित हुए। डिफेंस कंपनियों में यह तेजी संकेत देती है कि निवेशकों का भरोसा इस सेक्टर में दिनों-दिन मजबूत होता जा रहा है।
विश्लेषकों की मानें तो सीमा पर पाकिस्तान द्वारा बार-बार सीजफायर का उल्लंघन, सुरक्षा बलों की बढ़ती तैनाती और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के युद्ध जैसे बयान ने बाजार में हलचल और निवेश को नई दिशा दी है। डर और अनिश्चितता की इस स्थिति में निवेशक उन क्षेत्रों में पैसा लगाना पसंद करते हैं जो युद्ध और सुरक्षा से जुड़े होते हैं। डिफेंस सेक्टर इस मामले में सबसे आगे है। मार्केट पार्टिसिपेंट्स का मानना है कि आने वाले महीनों में सरकार डिफेंस बजट और उत्पादन को बढ़ावा दे सकती है, जिससे इन कंपनियों के शेयर और ऊपर जा सकते हैं।






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