MP News:मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई।अहम बैठक मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश के विकास, प्रशासनिक कार्यप्रणाली और ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में खासतौर पर किसानों की समस्याओं, सरकारी कर्मचारियों की मांगों और ग्रीन एनर्जी की दिशा में उठाए जा रहे कदमों पर जोर दिया गया।
ट्रांसफर पॉलिसी में बड़ा बदलाव सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादलों के लिए सरकार ने नई ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दी है। अब ट्रांसफर 1 मई से 30 मई 2025 के बीच ही हो सकेंगे। इसके लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस पोर्टल पर 30 मई तक आवेदन करना अनिवार्य होगा। इसके बाद किए गए आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
सरकार ने ट्रांसफर की प्रक्रिया को नियंत्रित करने के लिए पदों के अनुसार अधिकतम प्रतिशत भी तय कर दिया है:
- 200 पदों तक – 20 प्रतिशत तक तबादले
- 201 से 1000 पद – 15 प्रतिशत तक तबादले
- 1001 से 2000 पद – 10 प्रतिशत तक तबादले
- 2001 से अधिक पद – 5 प्रतिशत तक तबादले
मंत्री या प्रभारी मंत्री इन सीमाओं के तहत तबादले कर सकेंगे। साथ ही, अगर कोई विभाग अपनी अलग ट्रांसफर पॉलिसी बनाना चाहता है तो उसे अनुमति होगी।
पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई सरकार ने पराली जलाने को लेकर किसानों के लिए सख्त दिशा-निर्देश तय किए हैं। अब अगर कोई किसान पराली जलाता है तो:
- उसे एक वर्ष के लिए किसान सम्मान निधि से वंचित कर दिया जाएगा।
- अगले वर्ष उसकी उपज की सरकारी खरीदी नहीं की जाएगी।
इस सख्त कदम से सरकार किसानों को नुकसान से बचाना चाहती है और पर्यावरण प्रदूषण को भी रोकने का प्रयास कर रही है।
महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी राज्य सरकार ने कर्मचारियों को राहत देते हुए महंगाई भत्ते (DA) की किस्त में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। अब कर्मचारियों को 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलेगा, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते के बराबर है। कैबिनेट ने इस फैसले को औपचारिक रूप से अनुमोदन प्रदान किया है।
3 हजार मेगावाट का सोलर प्लांट: ग्रीन एनर्जी पर बड़ा फोकस राज्य सरकार ने ग्रीन एनर्जी की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए चंबल क्षेत्र में 3000 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने का निर्णय लिया है। इसमें:
- 1000 मेगावाट बिजली मध्यप्रदेश के लिए आरक्षित रहेगी।
- 2000 मेगावाट बिजली उत्तरप्रदेश को सप्लाई की जाएगी।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मध्यप्रदेश में बारिश के दौरान बिजली की मांग कम होती है, जबकि उत्तरप्रदेश में उसी समय मांग बढ़ती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए यह योजना बनाई गई है ताकि दोनों राज्यों की ऊर्जा जरूरतों को संतुलित किया जा सके।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम पर विशेषज्ञ समिति राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पर विचार करने के लिए छह वरिष्ठ अधिकारियों की एक कमेटी गठित की है। यह कमेटी कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक पेंशन योजना का प्रस्ताव तैयार करेगी। समिति में शामिल अधिकारी हैं:
- अशोक बर्णवाल
- मनीष रस्तोगी
- लोकेश जाटव
- तन्वी सुंद्रियाल
- अजय कटेसरिया
- जेके शर्मा
यह समिति भारत सरकार की गाइडलाइन का अध्ययन कर रिपोर्ट देगी और भविष्य की पेंशन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और लाभकारी बनाने की दिशा में सुझाव देगी।
मध्यप्रदेश सरकार की यह कैबिनेट बैठक कई मायनों में ऐतिहासिक रही। एक ओर जहाँ सरकार ने पर्यावरण और ग्रीन एनर्जी को प्राथमिकता दी, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अनुशासन और कर्मचारियों के हितों को भी प्रमुखता से रखा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश एक नए विकास मॉडल की ओर अग्रसर है, जो पारदर्शिता, जवाबदेही और भविष्य की जरूरतों को केंद्र में रखकर योजनाएं बना रहा है।






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