भोपाल में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने न केवल स्थानीय प्रशासन को बल्कि पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। यह मामला कथित लव जिहाद और यौन शोषण से जुड़ा हुआ है। चार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद जिस तरह की घटनाएं मेडिकल से लेकर अदालत परिसर तक देखने को मिलीं, उसने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया है।
कोर्ट में भड़का वकीलों का गुस्सा:-
सोमवार को पुलिस चार आरोपियों को मेडिकल परीक्षण के लिए जेपी अस्पताल लेकर पहुंची। लेकिन वहां पहले से ही कुछ लोग इकट्ठा थे, जिन्होंने अस्पताल परिसर में ही आरोपियों के खिलाफ नारेबाज़ी शुरू कर दी। मामला यहीं नहीं रुका। जब आरोपियों को कोर्ट लाया गया, तो वहां का माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण हो गया। करीब 200 से 300 वकीलों ने अदालत परिसर में आरोपियों को घेर लिया और उनके साथ धक्का-मुक्की व मारपीट की। इस दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गया, जिसका चेहरा खून से लथपथ हो गया था।
भगवा वस्त्र बने विवाद की जड़:-
इस पूरे विवाद को और हवा दी, आरोपियों के पहनावे ने। उन्हें भगवा वस्त्र पहनाकर कोर्ट लाया गया, जिससे वकीलों और आम जनता में आक्रोश फैल गया। वकीलों का आरोप था कि भगवा वस्त्र जानबूझकर पहनाए गए ताकि समाज को गुमराह किया जा सके और यह दिखाया जा सके कि आरोपी किसी धार्मिक संगठन से जुड़े हैं। हालांकि पुलिस की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक सफाई नहीं दी गई है।
अदालत का फैसला और रिमांड डिटेल:-
वकीलों का गुस्सा इतना ज्यादा था कि पुलिस को कोर्ट रूम का दरवाज़ा बाहर से बंद करना पड़ा। आरोपियों को करीब ढाई घंटे तक कोर्ट रूम के अंदर ही रखा गया और उसके बाद भारी सुरक्षा के बीच उन्हें बाहर निकाला गया। जज आरती आर्य की अदालत ने चारों आरोपियों को अलग-अलग रिमांड में भेज दिया है। फरहान खान को 30 अप्रैल तक, सैयद अली को 2 मई तक पुलिस रिमांड में भेजा गया है, जबकि साहिल खान और साद उर्फ सम्स उद्दीन को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
एस.आई.टी. का गठन और इंदौर में जांच:-
भोपाल पुलिस ने इस केस की तह तक जाने के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस SIT को केस से जुड़ी हर बारीकी की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। सूत्रों के अनुसार SIT अब इंदौर का रुख करेगी, जहां इस मामले से जुड़ी दो और छात्राओं की जानकारी सामने आई है। इनमें से एक छात्रा ने भोपाल में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है।
अंतरराज्यीय नेटवर्क का खुलासा:-
अब तक इस केस में कुल 6 आरोपियों के नाम सामने आ चुके हैं। इनमें से चार को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि दो आरोपी—जो बिहार और कोलकाता से बताए जा रहे हैं—अब भी फरार हैं। पुलिस की टीमें इन दोनों की तलाश में देशभर में छापेमारी कर रही हैं।
यह मामला अब सिर्फ भोपाल या इंदौर तक सीमित नहीं रहा। यह एक अंतरराज्यीय गिरोह का हिस्सा भी हो सकता है, जिसके तार बिहार और कोलकाता से भी जुड़े हैं। पुलिस और SIT दोनों इस दिशा में गंभीरता से जांच कर रही हैं।इस केस ने न सिर्फ लव जिहाद की बहस को फिर से हवा दी है, बल्कि प्रशासन और न्याय प्रणाली की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। खासतौर पर भगवा वस्त्र पहनाने जैसे कदमों ने मामले को धार्मिक रंग देने की आशंका को जन्म दिया है। यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह न केवल एक गंभीर प्रशासनिक चूक होगी बल्कि समाज में अनावश्यक धार्मिक तनाव भी उत्पन्न कर सकता है।
वहीं, SIT के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है—साक्ष्य जुटाना, फरार आरोपियों की गिरफ्तारी, पीड़िताओं का बयान लेना और यह पता लगाना कि क्या यह कोई संगठित गिरोह है जो युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर शोषण करता है। आने वाले दिनों में इस केस में और भी खुलासे हो सकते हैं जो इस पूरे घटनाक्रम को और पेचीदा बना देंगे।फिलहाल, पूरा प्रदेश इस मामले पर नज़र बनाए हुए है और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और पीड़िताओं को जल्द न्याय मिले।






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