Friday, December 5, 2025

Pahalgam Attack: ज़िपलाइन ऑपरेटर पर शक, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप

Pahalgam Attack: ज़िपलाइन ऑपरेटर पर शक, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप:रविवार को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में कई पर्यटक घायल हुए, वहीं कुछ ने अपनी जान भी गंवा दी।लेकिन अब इस घटना में एक हैरान करने वाला मोड़ सामने आया है। गुजरात के अहमदाबाद निवासी पर्यटक ऋषि भट्ट का एक ज़िपलाइन करते हुए वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने इस आतंकी हमले के पीछे नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या था वीडियो में?

वीडियो में दिख रहा है कि जैसे ही ऋषि भट्ट ज़िपलाइन पर सवार होते हैं, ज़िपलाइन ऑपरेटर अचानक तीन बार “अल्लाहु अकबर” चिल्लाता है, और उसी क्षण गोलियों की तड़तड़ाहट शुरू हो जाती है। ऋषि बताते हैं, “पहले 20 सेकंड तक तो कुछ समझ ही नहीं आया, फिर देखा कि नीचे 5-6 लोग गिर पड़े हैं। तब एहसास हुआ कि यह आतंकी हमला है।”

क्या ऑपरेटर को पहले से थी हमले की जानकारी?

ऋषि भट्ट के अनुसार, उनके पहले नौ लोग ज़िपलाइन कर चुके थे लेकिन ऑपरेटर ने तब ऐसा कुछ नहीं कहा था। वहीं, ऑपरेटर की हरकतों पर जनता अब दो एंगल से सवाल उठा रही है:

  1. पहला एंगल – ऑपरेटर को आतंकी हमले की जानकारी पहले से थी, इसलिए वह हमले के दौरान न तो घबराया और न ही प्रतिक्रिया दी।
  2. दूसरा एंगल – जानबूझकर टूरिस्ट को ज़िपलाइन पर भेजा गया ताकि राइड कैंसिल होने पर रिफंड न देना पड़े।

क्या था स्थानीय सहयोग?

हमले के दौरान ऋषि भट्ट के अनुसार, “स्थानीय लोग अचानक मौके से गायब हो गए।” इससे यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि क्या कुछ स्थानीय लोगों का इस आतंकी हमले में सहयोग था?

उन्होंने आगे बताया कि आतंकी दो परिवारों के पुरुषों से उनका धर्म पूछ कर गोली मार रहे थे। ऋषि ने किसी तरह ज़िपलाइन बेल्ट से खुद को अलग किया और अपनी पत्नी और बेटे के साथ भाग निकले।

भारतीय सेना की त्वरित कार्रवाई

ऋषि भट्ट ने बताया कि हमले के करीब 18-20 मिनट के भीतर भारतीय सेना मौके पर पहुंची और पूरे इलाके को 25 मिनट में सुरक्षित कर लिया। उन्होंने कहा, “हमें असली सुरक्षा का एहसास सेना के पहुंचने के बाद ही हुआ।” साथ ही उन्होंने सेना का आभार भी जताया।

विवाद: कुछ लोगों ने ऋषि भट्ट की बातों को बताया प्रोपेगेंडा

हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का कहना है कि ऋषि भट्ट सरकार की सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने सुरक्षा के टाइम को बढ़ा-चढ़ा कर बताया है।

जांच जारी, ऑपरेटर से पूछताछ संभव

पहलगाम में हुआ आतंकी हमला न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि वायरल वीडियो और ज़िपलाइन ऑपरेटर की संदिग्ध भूमिका ने इसे और पेचीदा बना दिया है। ऑपरेटर द्वारा “अल्लाहु अकबर” का नारा लगाना और हमले के दौरान उसकी शांत प्रतिक्रिया ने कई सवाल उठाए हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब इस एंगल से भी जांच कर रही हैं कि क्या ऑपरेटर को हमले की जानकारी पहले से थी। क्या उसने हमलावरों की मदद की या जानबूझकर पर्यटकों को खतरे में डाला?

स्थानीय सहयोग की आशंका और हमले की टाइमिंग ने इस घटना को और गंभीर बना दिया है। इसके अलावा, पर्यटन स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। पहलगाम जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल पर इस तरह के हमले ने यह सिद्ध कर दिया है कि पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर बड़े कदम उठाने की जरूरत है। क्या स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों की तैयारी पर्याप्त थी?

हालांकि भारतीय सेना ने त्वरित कार्रवाई कर पर्यटकों की जान बचाई, लेकिन यह घटना सुरक्षा व्यवस्था में खामियों को उजागर करती है। यह जांच का एक अहम पहलू बन चुकी है कि क्या सुरक्षा एजेंसियां पर्याप्त रूप से तैयार थीं और क्या स्थानीय अधिकारियों ने समय रहते प्रभावी कदम उठाए। इस हमले से यह भी पता चलता है कि आतंकवादियों के अलावा स्थानीय संदिग्धों से भी सख्ती से निपटना होगा।

अब सवाल यह उठता है कि क्या यह सिर्फ एक संयोग था या कोई सुनियोजित साजिश का हिस्सा था? इस मामले की निष्पक्ष जांच और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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