Friday, December 5, 2025

नीट पेपर लीक कांड का मुख्य आरोपी संजीव मुखिया गिरफ्तार, तीन लाख का था इनाम

बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले संजीव मुखिया को नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया। जांच एजेंसी को है विश्वास कि संजीव की भूमिका अहम रही है।

बिहार के नालंदा जिले के नगरनौसा गांव का रहने वाला संजीव मुखिया, जो कई बार पेपर लीक मामलों में अपना नाम शामिल कर चुका है, अब नीट पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी बनकर सामने आया है। शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 को यह बड़ी खबर आई कि उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। नीट पेपर लीक के बाद संजीव मुखिया फरार था, लेकिन अब आखिरकार उसे पकड़ लिया गया है। बिहार सरकार ने उसकी गिरफ्तारी पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था, जो इस गिरफ्तारी के बाद सही साबित हुआ।

संजीव मुखिया का नाम पहली बार साल 2016 में बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा के लीक मामले में आया था। इसके बाद कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक में भी उसका नाम जुड़ा। नीट पेपर लीक के मामले में संजीव की अहम भूमिका की जांच एजेंसियां कर रही हैं। पटना पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने संयुक्त रूप से इस गिरफ्तारी को अंजाम दिया है। इस पूरे मामले में संजीव मुखिया से पूछताछ जारी है, और जांचकर्ताओं को उसके अन्य संभावित कनेक्शन्स के बारे में भी जानकारी मिल रही है।

जांच में यह सामने आया है कि संजीव मुखिया का नाम केवल नीट पेपर लीक तक सीमित नहीं था। वह कई अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में भी शामिल था। वर्ष 2024 में झारखंड के देवघर से छह आरोपियों की गिरफ्तारी की गई थी, जिनमें से एक चिंटू नामक व्यक्ति भी था, जो संजीव मुखिया का करीबी रिश्तेदार बताया जा रहा है। जांच एजेंसियां इस बात को लेकर गंभीर हैं कि संजीव मुखिया और उसके रिश्तेदारों के बीच एक पेपर लीक रैकेट चल रहा था।

संजू मुखिया की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि बिहार और झारखंड जैसे राज्य में शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर चुनौती सामने आई है। खासकर प्रतियोगिता परीक्षाओं में हो रहे पेपर लीक मामलों से छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच एक निराशा का माहौल पैदा हुआ है। अब देखना यह है कि इस गिरफ्तारी के बाद क्या इस पूरे रैकेट के अन्य कनेक्शन्स भी सामने आते हैं और क्या इस मामले में और गिरफ्तारी होती है।

इस गिरफ्तारी के बाद, ये सवाल उठते हैं कि सरकार और प्रशासन इस प्रकार के रैकेट पर काबू पाने के लिए और क्या कदम उठाएंगे। क्या यह गिरफ्तारी एक नई शुरुआत होगी, जिससे भविष्य में परीक्षा लीक जैसे मामलों को रोका जा सकेगा? क्या छात्रों और उनके परिवारों को अब सुरक्षित परीक्षा का भरोसा मिलेगा?

इस गिरफ्तार आरोपी की जांच पूरी होने के बाद यह स्पष्ट हो सकेगा कि पेपर लीक रैकेट के पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए किस तरह की कार्रवाई की जा रही है। इस समय सभी की नजरें इस पर हैं कि इस मामले में और कितने लोग शामिल हैं और क्या इसके माध्यम से भविष्य में इस तरह के कुकृत्यों को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकेगा।

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