सोचिए… आपने बरसों की मेहनत से जो पूंजी जोड़ी, वही एक झूठी चमक-धमक और स्क्रीन पर दिखते वर्चुअल आंकड़ों में यूँ ही बहा दी जाए तो? इंदौर के एक प्रतिष्ठित डॉक्टर के साथ ऐसा ही हुआ। उन्हें शेयर बाजार में जबरदस्त रिटर्न का लालच दिया गया, और फिर कुछ ऐसा हुआ जिससे करोड़ों की रकम कुछ ही महीनों में गायब हो गई। ये कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के सबसे विकसित शहरों में से एक इंदौर की एक बेहद चौंकाने वाली सच्चाई है, जहां एक पढ़ा-लिखा, समझदार नागरिक साइबर ठगों के जाल में ऐसा फंसा कि 3 करोड़ 23 लाख रुपये गंवा बैठा।
मामला इंदौर के स्कीम-54, विजय नगर क्षेत्र के निवासी डॉ. रुद्र कुमार गुप्ता से जुड़ा है, जिन्हें टेलीग्राम एप के जरिए “प्रीति” नामक महिला ने संपर्क किया। महिला ने खुद को शेयर बाजार की विशेषज्ञ बताते हुए www.xtbgloblltd.com नामक वेबसाइट पर निवेश करने की सलाह दी। शुरुआत में भरोसा जीतने के लिए 10,000 रुपये पर 10,535 रुपये वापस दिलाए गए, जिससे डॉ. रुद्र का विश्वास मजबूत हुआ और वे लगातार मोटी रकम इस वेबसाइट पर डालते चले गए। वेबसाइट पर उनके नाम से एक फर्जी पोर्टफोलियो भी बनाया गया जिसमें शेयरों का उतार-चढ़ाव रियल-टाइम की तरह दिखाया जाता था।
डॉ. रुद्र को पोर्टफोलियो में करोड़ों का मुनाफा दिखाया गया। उन्हें ‘डायरेक्टर ग्रुप’ में शामिल किया गया और आईडी के साथ ‘कस्टमर कोड’ भी दिया गया। सब कुछ पेशेवर और असली दिख रहा था, जिससे वे धोखे का अंदाजा नहीं लगा सके। लेकिन जब उन्होंने एक करोड़ रुपये निकालने की कोशिश की, तब उनसे अलग-अलग टैक्स की मांग की गई—गैन टैक्स, करेंसी एक्सचेंज टैक्स और आयकर टैक्स। यहीं से उन्हें शक हुआ और उन्होंने पुलिस का दरवाजा खटखटाया।
डॉ. रुद्र ने अपराध शाखा के डीसीपी राजेश कुमार त्रिपाठी और एडीसीपी राजेश दंडोतिया को पूरे मामले की जानकारी दी। एसआई सीटू जरिया ने जांच की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आए—सारी रकम देशभर के अलग-अलग राज्यों में म्यूल अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई थी। पुलिस अब फर्जी खातों में पैसा जमा कराने वाले पैडलर्स और मुख्य साजिशकर्ता महिला की तलाश में जुटी है। मंगलवार को पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और साइबर सेल जांच में जुटी है।






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