ग्वालियर में अब तक के सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट मामले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। 1.30 करोड़ रुपये की रकम यूपी के प्रयागराज स्थित इंडसइंड बैंक के खाते में पहुंची थी, जिसके बाद यह राशि आठ राज्यों के 20 से ज्यादा बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की गई। इस घोटाले को लेकर ग्वालियर पुलिस की एसआईटी ने खुफिया जानकारी जुटाकर कई बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी है। क्राइम ब्रांच की टीम अब इन खातों के मालिकों की तलाश कर रही है, और यह सामने आ रहा है कि इन अकाउंट्स को किराए पर खरीदा गया था, जैसा कि उज्जैन के नागदा में देखा गया था। पुलिस की जांच में कई बैंक खातों के जरिये ठगी की रकम का लेन-देन अब तक कई राज्यों में फैल चुका है।
इस डिजिटल ठगी के मामले में बंधन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर, महिला कैशियर समेत कई बैंक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है, जिसमें तुषार गोमे नामक एक आरोपी का प्रमुख भूमिका रही है। तुषार ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उसने बंधन बैंक के खातों से तीन करोड़ रुपये की ठगी की रकम निकालकर उदयराज नामक गिरोह के सरगना को सौंप दी थी। इस रकम को डिजिटल करेंसी में कन्वर्ट कर ठगों तक पहुंचाया गया। फिलहाल, पुलिस उदयराज की तलाश में जुटी हुई है, और जांच में यह भी सामने आया है कि दिल्ली और नोएडा में कुछ अन्य खातों में भी रकम ट्रांसफर की गई थी।
ग्वालियर पुलिस द्वारा की गई छापेमारी में छह प्रमुख आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें अकाउंट होल्डर राहुल कहार (22), तुषार गोमे (26), किशोर विनाज्ञा (19), शुभम सिंह राठौर (23), रतलाम के बंधन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर विश्वजीत बर्मन (46) और उज्जैन की महिला कैशियर काजल जैसवाल (27) शामिल हैं। इन आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है, और उनका दावा है कि उन्होंने विभिन्न बैंकों के जरिए करोड़ों रुपये की डिजिटल ठगी में मदद की थी। जब ग्वालियर पुलिस ने नागदा के बंधन बैंक में जांच की, तो उन्हें पता चला कि इस अकाउंट में कई लाख रुपये के लेन-देन हुए थे, जबकि अकाउंट होल्डर को इसके बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी। यह सब्जी बेचने वाला व्यक्ति था, जो केवल 5,000 रुपये महीने पर इस अकाउंट का उपयोग करता था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस ठगी की रकम का ट्रांजेक्शन पहले कुछ प्रमुख बैंक खातों में हुआ, और फिर लगभग 50 बैंक खातों में इसे ट्रांसफर कर दिया गया। इन खातों में देशभर के कई राज्यों के बैंक अकाउंट्स शामिल हैं, जैसे मणिपुर, केरल, उत्तराखंड, असम, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली, और पश्चिम बंगाल। ग्वालियर पुलिस, क्राइम ब्रांच और साइबर एक्सपर्ट की टीम अब इन खातों के मालिकों की पहचान करने में जुटी हुई है। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि ठगों ने एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया था, जिसमें नासिक से एक कथित पुलिस इंस्पेक्टर के द्वारा धमकी देकर दो करोड़ रुपये की ठगी की गई। इस मामले में पुलिस ने कई बैंक खातों और ठगों के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है।
ग्वालियर की सबसे बड़ी डिजिटल अरेस्ट की इस घटना ने अब पूरे देश को हिला दिया है। पुलिस की यह कोशिश है कि इस बड़े नेटवर्क के सरगनाओं और उनके सभी साथियों को पकड़कर न्याय के दायरे में लाया जाए। अब यह देखना होगा कि क्या पुलिस इन सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है और ठगी का पूरा तंत्र किस हद तक उजागर हो पाता है। इस मामले की जांच में आगे कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं, और पुलिस अब डिजिटल ठगी के इस नए आयाम को पूरी तरह से समझने की कोशिश कर रही है।






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