Friday, December 5, 2025

MP NEWS: खूबसूरत दुल्हनों के सपने दिखाकर 100 से ज्यादा युवाओं से ठगे लाखों रुपये – ‘दुल्हन’ मिली नहीं, धोखा जरूर मिला

“अगर आपको कोई सुंदर, पढ़ी-लिखी और शादी के लिए उत्साहित लड़की से मिलाने भोपाल बुलाए… तो संभल जाइए।”
कुछ ऐसा ही सपना दिखाया गया उत्तर प्रदेश और बिहार के गरीब व ग्रामीण युवाओं को। भोपाल से संचालित एक शातिर गिरोह ने शादी की चाह में जी रहे युवकों को एक बेहद सुनियोजित साजिश के तहत अपने जाल में फंसाया। इस गिरोह ने अब तक 100 से भी अधिक युवाओं को ठग डाला है, और तरीका ऐसा कि सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएं। पीड़ितों को भोपाल बुलाकर खूबसूरत लड़कियों से मिलवाया जाता है, फिर शुरू होती है पैसों की मांग की लंबी कहानी… लेकिन अंत में मिलता है सिर्फ धोखा और अपमान।

बांदा जिले के पिपरीखेरवा गांव निवासी कालीचरण सेन उन सैकड़ों पीड़ितों में से एक हैं, जिन्हें इस गिरोह ने चूना लगाया। कालीचरण के गांव में एक पर्चा बांटा गया था जिसमें लिखा था – “गरीब लड़कों की शादी अब हमारे जरिए – सुंदर कन्याएं उपलब्ध!” उत्साहित होकर कालीचरण ने दिए गए नंबर पर संपर्क किया, और उसे भोपाल बुला लिया गया। स्टेशन पर कुछ लोग उसे लेने आए और एक अज्ञात घर में ले गए जहां उसे करीब 15 खूबसूरत लड़कियों से मिलवाया गया। एक लड़की को पसंद करने के बाद उससे शादी की बात पक्की हुई और फिर शुरू हुआ पैसों का लेन-देन। कभी शगुन, कभी कपड़े, कभी सजावट – हजारों रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए। लेकिन शादी से पहले ही लड़की और उसके परिवार ने मुंह मोड़ लिया और एजेंटों ने फोन उठाना बंद कर दिया।

इस गिरोह का काम करने का तरीका बेहद चालाकी से तैयार किया गया है। सबसे पहले गांव-गांव में फर्जी पर्चे बांटे जाते हैं, जिनमें किसी संस्था या मैरिज ब्यूरो का नाम नहीं होता। फिर भोपाल बुलाकर बस स्टैंड या स्टेशन से युवकों को सीधे एक किराए के मकान पर ले जाया जाता है। यहां लड़कियों से मिलवाया जाता है, लेकिन न तो लड़कियां कोई निजी जानकारी देती हैं और न ही कोई ठोस संपर्क। सब कुछ केवल ‘एजेंट’ के जरिये चलता है। युवकों से कहा जाता है कि शादी तय होते ही शगुन दो, कपड़े खरीदो, एडवांस दो – और यहीं से शुरू होता है धोखाधड़ी का असली खेल।

भोपाल न आ पाने वाले युवाओं को सोशल मीडिया के जरिये फर्जी फोटो भेजकर फंसाया जाता है। लड़कियों की फोटो व्हाट्सएप, फेसबुक या टेलीग्राम के फर्जी ग्रुपों में भेजी जाती हैं। फिर भरोसा जीतने के बाद शादी तय करने की बात कहकर लाखों रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए जाते हैं। और फिर नंबर ब्लॉक! ये पूरा रैकेट एक साइबर फ्रॉड मॉडल पर काम कर रहा है – जिसमें न कोई स्थायी ऑफिस है, न कोई असली ब्यूरो। ये गिरोह भोले ग्रामीणों की मजबूरी और शादी की लालसा को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

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