वानखेड़े की रात थी, लेकिन स्टेडियम में जैसे दोपहर का उजाला था। फैंस की भीड़, चीयर्स की गूंज और मैदान पर उतरती दो टीमें—एक तरफ धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स, दूसरी ओर रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस। सबको उम्मीद थी एक कांटे की टक्कर की, लेकिन जो हुआ उसने पूरे स्टेडियम को हिला दिया! चेन्नई के धुरंधरों की ताकत पर रोहित-सूर्या की बल्लेबाजी ने पानी फेर दिया। नतीजा—एकतरफा मुकाबला और मुंबई इंडियंस की धमाकेदार 9 विकेट से जीत। क्या वाकई चेन्नई की बादशाहत खत्म हो रही है? क्या अब प्लेऑफ सिर्फ सपना बनकर रह जाएगा धोनी की टीम के लिए?
176 रनों का लक्ष्य, लेकिन मुंबई इंडियंस के टॉप ऑर्डर के लिए ये तो मानो नेट प्रैक्टिस जैसा रहा। रोहित शर्मा और रायन रिकल्टन ने आक्रामक अंदाज में पारी की शुरुआत की और पहले 6 ओवर में ही पावरप्ले का पूरा फायदा उठाया। रिकल्टन 24 रन बनाकर पवेलियन लौटे, लेकिन असली कहर तब टूटा जब सूर्यकुमार यादव मैदान पर आए। फिर तो मैदान पर चौकों और छक्कों की बारिश शुरू हो गई। रोहित और सूर्या ने 114 रनों की अटूट साझेदारी कर चेन्नई की गेंदबाजी को ध्वस्त कर डाला। इस साझेदारी ने ही मैच को एकतरफा बना दिया।
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात रही उनकी स्पिन यूनिट का पूरी तरह से फेल होना। 10 ओवरों में सिर्फ 1 विकेट मिला, वो भी बिना किसी दबाव के। गेंदबाज विकेट के लिए तरसते रह गए, और रोहित-सूर्या ने उन्हें कोई मौका ही नहीं दिया। रोहित शर्मा ने 45 गेंदों में नाबाद 76 रन ठोक डाले, जिसमें 5 छक्के और 6 चौके शामिल थे। वहीं सूर्यकुमार यादव ने सिर्फ 30 गेंदों में 68 रनों की आतिशी पारी खेली। दोनों की बल्लेबाजी ने ये साफ कर दिया कि मुंबई अब पुराने लय में लौट चुकी है।
चेन्नई की हार सिर्फ बल्लेबाजी या गेंदबाजी की नहीं, ये रणनीति की भी हार थी। पिछले मैच में शानदार प्रदर्शन करने वाले अंशुल कंबोज को इस बार प्लेइंग इलेवन से बाहर कर देना फैंस और क्रिकेट विशेषज्ञों के लिए भी चौंकाने वाला रहा। नतीजा ये हुआ कि ना तो नई गेंद में धार दिखी, ना ही मिड ओवरों में कंट्रोल। कप्तान धोनी का अनुभव भी इस बार किसी काम नहीं आया। ये हार CSK के लिए भारी पड़ सकती है, क्योंकि अब 8 में से सिर्फ 2 जीत ही उनके नाम हैं। प्लेऑफ की राह अब पहाड़ जैसी हो चुकी है।
मुंबई इंडियंस ने लगातार तीसरी जीत दर्ज कर प्लेऑफ की दौड़ में खुद को मजबूती से खड़ा कर लिया है। वानखेड़े की इस धमाकेदार जीत ने टीम की आत्मविश्वास को आसमान पर पहुंचा दिया है। दूसरी ओर चेन्नई सुपर किंग्स के लिए यह मैच एक चेतावनी है—अब अगर हर मुकाबले में जी-जान नहीं लगाई, तो प्लेऑफ का सपना अधूरा रह जाएगा। यह मुकाबला सिर्फ एक हार नहीं, बल्कि एक टीम की रणनीति, आत्मबल और लय की परीक्षा थी—जिसमें चेन्नई पूरी तरह फेल हुई और मुंबई ने बाजी मार ली।





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