“क्या कोई कंपनी सिर्फ नाम बदलने से करोड़ों की पूंजी जुटा सकती है? क्या एक डिजिटल वॉलेट, अब स्टॉक मार्केट की शेरों की रेस में दौड़ेगा? और क्या फोनपे सिर्फ आपकी जेब का हिस्सा नहीं, अब आपके पोर्टफोलियो का भी हिस्सा बनने वाला है? इन सवालों का जवाब जानिए इस खबर में, जहां PhonePe ने उठाया है IPO की ओर पहला बड़ा कदम – अपने नाम और स्टेटस को बदलकर। एक ऐसा कदम जो भारत की फिनटेक दुनिया में बड़ा भूचाल ला सकता है।”
देश की दिग्गज डिजिटल पेमेंट कंपनी PhonePe ने एक ऐसा ऐलान किया है जो निवेशकों के लिए नए दरवाज़े खोल सकता है। IPO लाने की तैयारी में जुटी यह कंपनी अब Private Limited से बदलकर Public Limited Company बन गई है। कंपनी ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ (RoC) के पास रेगुलेटरी फाइलिंग में साफ किया है कि IPO लाने के लिए यह बदलाव जरूरी था। अब कंपनी का नाम PhonePe Private Limited की जगह PhonePe Limited हो गया है। यह महज़ नाम का बदलाव नहीं, बल्कि बाजार में कंपनी की रणनीतिक दिशा और निवेश के अवसरों में एक नई शुरुआत है।
आप सोच रहे होंगे, इस बदलाव की इतनी अहमियत क्यों है? दरअसल, IPO यानी Initial Public Offering वह प्रक्रिया है, जिसके जरिए कोई कंपनी पहली बार आम जनता को अपने शेयर बेचती है। लेकिन कानून के मुताबिक, Private Limited Company जनता को सीधे शेयर नहीं बेच सकती। इसीलिए, किसी भी कंपनी को IPO से पहले खुद को Public Limited Company में तब्दील करना होता है। अब जब PhonePe एक सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी बन चुकी है, तो वह स्टॉक मार्केट में अपने शेयर लिस्ट कर सकती है – यानी आम निवेशक भी अब इसके हिस्सेदार बन सकते हैं।
PhonePe ने फरवरी 2025 में अपने IPO लाने की घोषणा की थी। कंपनी का लक्ष्य है 15 बिलियन डॉलर का वैल्यूएशन हासिल करना – जो भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक बड़ी छलांग माना जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, PhonePe ने इसके लिए Kotak Mahindra Capital, JP Morgan, Citi और Morgan Stanley जैसी वैश्विक वित्तीय कंपनियों को अपना सलाहकार नियुक्त किया है। IPO के जरिए कंपनी बाजार से बड़ी मात्रा में पूंजी जुटाने की योजना में है, जिससे उसके विस्तार और तकनीकी नवाचार को और अधिक गति मिलेगी।
PhonePe सिर्फ फिनटेक का खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक उदाहरण है भारतीय बाजार में भरोसे का। यह वह पहली भारतीय कंपनी है, जिसने अपना मुख्यालय सिंगापुर से भारत स्थानांतरित किया। इस स्थानांतरण के दौरान कंपनी को करीब 8,000 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाना पड़ा – जो दर्शाता है कि कंपनी भारत में अपनी दीर्घकालिक उपस्थिति और जवाबदेही को लेकर कितनी गंभीर है। PhonePe का यह कदम सरकार और निवेशकों – दोनों में विश्वास पैदा करता है कि कंपनी सिर्फ मुनाफे के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की सोच के साथ आगे बढ़ रही है।
PhonePe के फाउंडर और CEO समीर निगम की अगुवाई में कंपनी ने 2023 में 1 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी, जिसमें 100 मिलियन डॉलर अकेले जुटाए गए थे – और वो भी 12 बिलियन डॉलर के प्री-मनी वैल्यूएशन पर। इस समय Walmart कंपनी की सबसे बड़ी हिस्सेदार है। अन्य निवेशकों में Microsoft, General Atlantic, Tiger Global, Ribbit Capital, TVS Capital, Tencent और Qatar Investment Authority जैसे दिग्गज नाम शामिल हैं। PhonePe अब सिर्फ पेमेंट ऐप नहीं, एक निवेश का बड़ा अवसर बनने को तैयार है।






Total Users : 13152
Total views : 31999