Friday, December 5, 2025

MP NEWS:”गर्मी ने मचाई तबाही: 14 दिन में 7 हज़ार से ज़्यादा लोग बीमार, अस्पतालों में मरीज़ों की बाढ़”

क्या आप जानते हैं कि सिर्फ 14 दिनों में 7 हज़ार से ज़्यादा लोग अस्पताल पहुंच चुके हैं? क्या आप सोच सकते हैं कि यह सब सिर्फ एक अदृश्य, मगर झुलसाने वाली ताकत के कारण हो रहा है? जी हां, यह कोई महामारी नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की भयानक गर्मी है, जिसने लोगों को बीमार कर दिया है। अस्पतालों की ओपीडी में भीड़ ऐसी है कि न मरीजों को बिस्तर मिल रहा, न डॉक्टरों को चैन। डॉक्टर कह रहे हैं कि हालात बिगड़ रहे हैं और अभी गर्मी की असली परीक्षा बाकी है। सवाल यही है — क्या सरकार और आम लोग इस ‘गर्मी संकट’ के लिए तैयार हैं?

मध्य प्रदेश में अप्रैल की शुरुआत के साथ ही तापमान में भयंकर उछाल देखा जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 1 अप्रैल से 14 अप्रैल तक 4070 मरीज डायरिया, हीट स्ट्रोक और उल्टी जैसी समस्याओं से अस्पताल पहुंचे हैं, वहीं बुखार के 3376 मामले भी दर्ज किए गए हैं। जेपी अस्पताल में रोजाना 200 से 400 मरीज बुखार और पेट की समस्याओं के साथ पहुंच रहे हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि जनरल वार्ड पूरी तरह से फुल हैं और बच्चों के वार्ड में उल्टी-दस्त से पीड़ित मासूम भर्ती किए जा रहे हैं।

जेपी अस्पताल के ओपीडी में सिर्फ बुधवार को 385 मरीज पहुंचे, जिनमें 45% से ज्यादा लोग पेट दर्द, बुखार, उल्टी और लूज मोशन की शिकायत के साथ थे। हमीदिया अस्पताल में 170 से ज्यादा बुखार के मरीज पहुंचे, और AIIMS की ओपीडी में 30% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। निजी अस्पतालों की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि यह अचानक गर्मी बढ़ने का असर है, जिससे वायरल बुखार, स्किन फंगल इंफेक्शन और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।

सिर्फ शरीर ही नहीं, गर्मी दिमाग पर भी असर डाल रही है। गांधी मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग की डॉ. रुचि सोनी के अनुसार, अप्रैल में बायपोलर डिसऑर्डर के मेनिया केस 15% तक बढ़ गए हैं। धूप में ज्यादा समय बिताने से मानसिक असंतुलन, चिड़चिड़ापन, नींद की कमी और आक्रामकता जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग खुद को हाइड्रेट रखें, दवाएं समय पर लें और धूप में बाहर निकलने से बचें, क्योंकि यह गर्मी सिर्फ शरीर नहीं, मानसिक संतुलन भी बिगाड़ रही है।

जेपी अस्पताल के अधीक्षक व सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि मरीजों की बढ़ती संख्या सरकार और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। उन्होंने कहा कि वायरल बुखार के कारण लोगों की भूख खत्म हो रही है, जिससे डिहाइड्रेशन बढ़ रहा है और मरीज़ बेहोश होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों की अपील है कि लोग बाहर निकलते समय पानी की बोतल साथ रखें, हल्के कपड़े पहनें, ज़रूरत ना हो तो धूप में बाहर ना जाएं और बीमार लगने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि ग्रामीण इलाकों में भी मेडिकल टीमों को सक्रिय किया जाए, ताकि समय रहते लोगों को इलाज मिल सके।

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