क्या आपके घर की तिजोरी में रखा हुआ सोना अब ‘सुनहरी मुसीबत’ बनने वाला है? क्या वो दिन दूर नहीं जब शादी-ब्याह में ‘सोने की बालियां’ नहीं, सिर्फ उनकी यादें दी जाएंगी? अगर निवेश बैंक Goldman Sachs की मानें, तो जल्द ही भारत में 10 ग्राम सोना 1 लाख 30 हजार रुपए तक पहुंच सकता है। हां, आपने सही सुना—एक लाख तीस हज़ार! यह महज़ अटकलबाज़ी नहीं, बल्कि वैश्विक मंदी की आशंकाओं और अमेरिका-चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर का गहरा असर है, जो सोने की कीमतों को ‘आम आदमी’ की पहुंच से बहुत दूर ले जा सकता है।
अमेरिका और चीन के बीच तनाव अब सिर्फ सीमा रेखाओं तक सीमित नहीं है, यह आर्थिक मोर्चे पर भी आग उगल रहा है। ट्रेड वॉर और मंदी की आहट से दुनिया भर के निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा है। ऐसे माहौल में सोना सबसे सुरक्षित निवेश के रूप में उभर रहा है। यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में सोना इस साल 4500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। यदि यह अनुमान सटीक बैठता है, तो भारत में 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1,30,000 तक जा सकती है। गोल्डमैन सैक्स जैसे विदेशी इन्वेस्टमेंट बैंक की ये चेतावनी केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि आर्थिक अनिश्चितताओं की गहरी कहानी कहती है।
अगर आप सोच रहे हैं कि ये सब भविष्य की बात है, तो ज़रा पीछे मुड़कर देखिए। 31 दिसंबर 2024 को जब सोने की कीमत ₹76,162 प्रति 10 ग्राम थी, तब किसी ने नहीं सोचा था कि महज चार महीने में यह आंकड़ा ₹93,353 को पार कर जाएगा। यानी केवल 105 दिनों में ₹17,000 से ज्यादा की उछाल। क्या अब भी इसे आप सामान्य उतार-चढ़ाव मान सकते हैं? विशेषज्ञों की मानें तो अगर अमेरिका-चीन का तनाव और वैश्विक मंदी का डर इसी तरह बना रहा, तो यह कीमतें और भी ऊंचाई छू सकती हैं।
सोना भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था दोनों का अहम हिस्सा रहा है। शादी-ब्याह, त्यौहार या निवेश—हर मौके पर इसकी मांग बनी रहती है। लेकिन मौजूदा हालात में यह कीमती धातु आम आदमी के हाथों से फिसलती जा रही है। The Khabardar News की विशेष पड़ताल में यह सामने आया है कि बढ़ती महंगाई, घटती क्रय-शक्ति और वैश्विक आर्थिक तनाव ने भारत के मध्यम वर्ग की उम्मीदों पर सीधा हमला किया है। छोटे शहरों और गांवों में लोग अब सोने को खरीदने की बजाय गिरवी रखने की सोचने लगे हैं।
तो ऐसे में सवाल यह उठता है कि आम आदमी क्या करे? सबसे पहले तो जागरूक रहें—सोने की कीमतों पर नज़र रखें, बाजार के ट्रेंड्स समझें। निवेश के नए विकल्पों को अपनाएं और जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। सरकार को भी चाहिए कि वह सोने की इस महंगाई पर ठोस नीति बनाए, ताकि यह केवल अमीरों की वस्तु न बनकर हर वर्ग की पहुंच में बना रहे।





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