वो बाजार जो बीते दो दिन से बंद थे, अब फिर से खुलने लगे हैं… लेकिन इन खुलते शटरों के पीछे छिपी है एक कहानी—दहशत, पत्थरबाज़ी और फिर शांति की। गुना शहर दो दिन पहले साम्प्रदायिक तनाव की चपेट में था। शनिवार देर शाम और फिर सोमवार सुबह दो गुटों के बीच जो टकराव हुआ, उसने पूरे शहर की रफ्तार थाम दी। लेकिन अब जब धूल बैठ चुकी है, तब मैदान में उतरे हैं ग्वालियर रेंज के IG अरविंद कुमार सक्सेना—जिन्होंने न सिर्फ हालात का जायज़ा लिया, बल्कि वो चेतावनी भी दी, जो शायद आने वाले समय की दिशा तय कर दे।
गुना पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेस से बातचीत करते हुए IG सक्सेना का लहजा साफ था—”जो कानून मानेगा, पुलिस उसकी ढाल बनेगी। लेकिन जो इसे तोड़ेगा, उसके लिए कानून खुद हथियार बन जाएगा।” उन्होंने इस दौरान स्पष्ट किया कि बुलडोजर कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस और वैधानिक प्रक्रिया के अनुसार ही होगी। यानी न कोई जल्दबाज़ी और न ही कोई पक्षपात। IG ने कहा कि ऐसे असामाजिक तत्वों की पहचान की जा रही है, जो निजी स्वार्थों के लिए सांप्रदायिक तनाव को हवा देते हैं। इन लोगों को बाउंड ओवर किया जाएगा, ताकि भविष्य में वो फिर से समाज का माहौल न बिगाड़ सकें।
IG सक्सेना ने कहा कि प्रशासन अब proactive रहेगा। त्योहारों के पहले दोनों पक्षों को एक साथ बैठाया जाएगा, उनके चल समारोह के रूट साझा किए जाएंगे और किसी भी तरह की भ्रांति या टकराव की संभावना को शुरू में ही खत्म किया जाएगा। यह पहल साम्प्रदायिक सौहार्द्र को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने गुना के नागरिकों और व्यापारियों की तारीफ करते हुए कहा कि यहां का समाज परिपक्व है और प्रशासन को भरोसा है कि जनता और पुलिस मिलकर शहर को सुरक्षित बनाए रखेंगे।
IG ने इस तनावपूर्ण घटना के दौरान पुलिसकर्मियों की बहादुरी को भी सलाम किया। उन्होंने बताया कि पत्थरबाजी की घटना में 7-8 पुलिसकर्मी घायल हुए, लेकिन उन्होंने पीछे हटने के बजाय शांति कायम रखने की कोशिश जारी रखी। उन पुलिसकर्मियों को अब सम्मानित किया जाएगा—प्रत्येक को ₹2500 का नकद इनाम मिलेगा। यह न सिर्फ एक पुरस्कार है, बल्कि समाज को ये संदेश भी है कि जो शांति के लिए लड़ेगा, वो अकेला नहीं होगा।






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