क्या आपने भी इंटरनेट पर देखा है – “सिर्फ ₹500 में आईपीएल का टिकट!”
क्या आपके दोस्त ने भी कहा – “भाई, ये लिंक असली है… टिकट मिल गया!”
और आपने भी उस पर क्लिक कर दिया…?
अगर हां… तो ज़रा रुकिए… शायद अगले ही पल आपके बैंक अकाउंट में कुछ भी नहीं बचेगा।
आईपीएल का क्रेज इस बार भी चरम पर है, लेकिन इस क्रेज के पीछे छुपे हैं कुछ शातिर दिमाग, जो सिर्फ एक क्लिक में आपका सब कुछ छीन सकते हैं।
ये खबर सिर्फ टिकट की नहीं… ये खबर है आपकी पहचान, आपकी मेहनत की कमाई और आपकी सुरक्षा की… आइए जानते हैं इस खतरे की पूरी कहानी।
आईपीएल 2025 का 18वां सीजन अपने शबाब पर है। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में 13 अप्रैल को होने वाले राजस्थान रॉयल्स बनाम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के मुकाबले को लेकर युवाओं में जबरदस्त उत्साह है। खासकर स्टूडेंट्स विराट कोहली की एक झलक पाने के लिए पसीना बहा रहे हैं—घंटों लाइन में लगना, धूप में खड़े रहना, बस किसी तरह एक टिकट मिल जाए।
जयपुर में हर साल स्टूडेंट्स को ₹1500 की टिकट केवल ₹500 में उपलब्ध होती है, यही वजह है कि बड़ी संख्या में युवा स्टेडियम के बाहर जुट रहे हैं। लेकिन इसी भीड़भाड़ और बेताबी का फायदा उठा रहे हैं साइबर ठग, जो अब मैदान के बाहर नहीं, मोबाइल और इंटरनेट के जरिए आपके आसपास घूम रहे हैं।
साइबर अपराधी अब मैदान बदल चुके हैं। ऑफलाइन ब्लैक टिकटिंग से आगे बढ़कर अब वे डिजिटल ठगी कर रहे हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि ये ठग फर्जी वेबसाइट्स और ऐप्स बनाकर टिकट के नाम पर युवाओं को झांसे में ले रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ‘सस्ते टिकट ऑफर’ के नाम पर लिंक भेजे जा रहे हैं—जैसे ही कोई यूज़र इन पर क्लिक करता है, उसे बैंक डिटेल्स या यूपीआई जानकारी डालने को कहा जाता है।
और यहीं से शुरू होता है धोखे का खेल। टिकट नहीं मिलता… बल्कि जो कुछ भी बैंक में होता है, वो खाली हो जाता है। ये ठगी बड़ी सॉफिस्टिकेटेड तरीके से की जा रही है, जिससे पहले तो लोग समझ ही नहीं पाते कि उन्होंने गलती कहां की।
राजस्थान साइबर पुलिस ने इस बार सख्ती से चेतावनी दी है। उन्होंने एक साइबर एडवाइजरी जारी कर साफ कहा है कि टिकट खरीदने के लिए केवल आधिकारिक वेबसाइटों या स्टेडियम की टिकट खिड़की का ही इस्तेमाल करें। कोई भी अंजान लिंक, मैसेज या वेबसाइट—even Google पर दिख रहे हेल्पलाइन नंबर—भी फर्जी हो सकते हैं।
खासकर IPL जैसे इवेंट के दौरान लोग जल्दबाजी में कोई भी नंबर या वेबसाइट ट्रस्ट कर लेते हैं, और यहीं पर सबसे बड़ी गलती हो जाती है। पुलिस का कहना है कि कोई भी व्यक्ति अगर ठगी का शिकार होता है तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करे या https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करे।






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