IPL के मैदान पर जब एक-एक रन के लिए खिलाड़ियों के पसीने बह रहे थे, तब वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की एक गली में क्रिकेट का मज़ाक उड़ाया जा रहा था। कैमरे पर खिलाड़ी और स्टेडियम में दर्शक, लेकिन पर्दे के पीछे चल रही थी एक गंदी साज़िश… जहां क्रिकेट का रोमांच नहीं, सट्टे की गणित लिखी जा रही थी। चेन्नई सुपर किंग्स और पंजाब किंग्स का मुकाबला सिर्फ एक मैच नहीं था—बल्कि सट्टेबाजों के लिए ‘कमाई का खेल’ बन चुका था। और इसी खेल को उजागर किया दिल्ली पुलिस की एक तेज़ कार्रवाई ने, जिसमें दो सट्टेबाजों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।
चेन्नई सुपर किंग्स और पंजाब किंग्स के बीच खेले गए IPL 2025 के मैच में जब पंजाब ने 18 रनों से जीत हासिल की, उसी समय दिल्ली के नरेला क्षेत्र में एक अलग ही खेल चल रहा था। दिल्ली पुलिस ने स्वतंत्र नगर इलाके में दबिश दी और दो आरोपियों को सट्टेबाजी करते हुए गिरफ्तार किया। पकड़े गए लोगों के पास से 20,000 रुपये नकद, 5 मोबाइल फोन, एक माइक से जुड़ा कम्युनिकेशन बॉक्स, एक एलईडी टीवी और एक डायरी बरामद की गई जिसमें सट्टेबाजी का पूरा लेखा-जोखा दर्ज था। यह गिरफ्तारी सिर्फ दो लोगों की नहीं, बल्कि उस सड़ी हुई सोच की थी जो खेल को धंधा बना देती है।
इस मामले में रोहित कुमार और तेजिंदर सिंह नाम के दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है। रोहित सट्टे की रकम और लेन-देन का हिसाब रखता था, जबकि तेजिंदर संचार व्यवस्था संभालता था। पुलिस के अनुसार, तेजिंदर एक ऐसे ‘कम्युनिकेशन बॉक्स’ को ऑपरेट कर रहा था जिसे सट्टेबाज ‘डब्बा’ कहते हैं। इस डब्बे से कई मोबाइल फोन जुड़े थे और उसमें एक माइक भी फिट था, जिसके ज़रिए सट्टे की दरें बताई जाती थीं। यह साफ दर्शाता है कि किस तरह तकनीक का इस्तेमाल खेल की आत्मा को मारने में किया जा रहा है।
8 अप्रैल की शाम को पुलिस को एक अनाम व्यक्ति से सूचना मिली थी कि दिल्ली के स्वतंत्र नगर इलाके में एक बड़े सट्टेबाजी रैकेट का संचालन हो रहा है। खास बात यह रही कि यह सूचना चेन्नई-पंजाब मैच शुरू होने से ठीक एक घंटे पहले मिली थी। पुलिस ने सूचना मिलते ही सक्रियता दिखाई और रात करीब 10:40 बजे छापा मारकर पूरे नेटवर्क को उजागर कर दिया। यह कार्रवाई बताती है कि जब जनता सतर्क हो और पुलिस सजग, तब कोई भी गैरकानूनी खेल ज्यादा देर तक नहीं चल सकता।
यह पहली बार नहीं है जब IPL में सट्टेबाजी की खबरें सामने आई हैं, लेकिन सवाल ये है कि इतने वर्षों बाद भी BCCI और संबंधित एजेंसियां इसे रोकने में पूरी तरह नाकाम क्यों हैं? हर साल अरबों रुपये इस खेल में लगते हैं, लेकिन इसका एक हिस्सा सट्टेबाजी में जा रहा है, जो देश की युवा पीढ़ी को भ्रमित करता है। दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई से सट्टेबाजों को झटका जरूर लगा है, लेकिन क्या IPL को पूरी तरह सट्टा मुक्त बनाना मुमकिन है?






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