जम्मू-कश्मीर विधानसभा का बजट सत्र इस बार राजनीतिक गर्मी और विवादों के कारण सुर्खियों में रहा। डोडा सीट से आम आदमी पार्टी के एकमात्र विधायक मेहराज मलिक का भाजपा विधायकों से तीखा विवाद हो गया, जो धक्का-मुक्की और झड़प में बदल गया। बहस के दौरान मेहराज मलिक कांच की एक मेज पर गिर पड़े, जिससे वहां अफरातफरी मच गई। यह घटना उस समय हुई जब मलिक ने PDP और भाजपा पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को “गद्दार” कहा। उनके बयान से PDP नेताओं का गुस्सा भड़क गया और विधानसभा का माहौल तनावपूर्ण हो गया।
मीडिया से बात करते हुए मेहराज मलिक ने आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें विधानसभा में प्रवेश से रोक रही थी और भाजपा के इशारों पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि “पुलिस अब PDP जैसी व्यवहार कर रही है और मुझे सच बोलने से रोका जा रहा है।” मलिक ने SP सुरक्षा से PDP कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग की और कहा कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उनका आरोप था कि लोकतांत्रिक संस्थानों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है और विपक्ष की आवाज़ को कुचला जा रहा है।
झगड़े की असल चिंगारी उस समय भड़की जब मेहराज मलिक ने भाजपा नेताओं पर सीधा हमला बोल दिया। इस पर भाजपा के विधायक विक्रम रंधावा, युधवीर सेठी, आरएस पठानिया, अरविंद गुप्ता, और सतीश शर्मा उग्र हो गए और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। इसी दौरान मलिक कांच की एक टेबल पर गिर पड़े और विधानसभा की सुरक्षा टीम ने तुरंत हस्तक्षेप कर हालात को काबू में लिया। यह दृश्य न केवल शर्मनाक था, बल्कि लोकतंत्र के मंदिर में अनुशासनहीनता का प्रतीक भी बन गया।
मेहराज मलिक इससे पहले भी अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं। हाल ही में उन्होंने हिंदू त्योहारों पर शराब पीने जैसे बयान दिए, जिससे जम्मू में तीव्र विरोध हुआ। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि “BJP के 28 विधायक रात को अपनी पत्नियों से पिटते हैं और सुबह बहादुरी का नाटक करते हैं।” उनके इन बयानों को लेकर पहले से ही राजनीतिक हलकों में नाराजगी थी, और अब विधानसभा में हुई घटना ने इसे और भड़का दिया है।
भाजपा विधायकों ने एक सुर में मेहराज मलिक की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। युधवीर सेठी ने कहा, “यह आदमी गुंडा है, इसे विधानसभा में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए।” वहीं विक्रम रंधावा ने कहा कि मलिक अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं और हर मंच से जहर उगल रहे हैं। आरएस पठानिया ने इस घटनाक्रम को नेशनल कॉन्फ्रेंस की साजिश बताया और कहा कि विपक्ष जानबूझकर सदन की कार्यवाही बाधित करना चाहता है। यह घटनाक्रम जम्मू-कश्मीर की राजनीति में आने वाले समय में और उथल-पुथल ला सकता है






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