रात के करीब 1 बजे, जब पूरा जालंधर सो रहा था, एक धमाका पूरे शहर को जगा देता है। आवाज़ उस घर से आती है, जहां पंजाब के वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया अपने परिवार संग चैन की नींद सो रहे थे। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनके घर की दीवारें उस रात एक बड़ी साज़िश की गवाह बनने जा रही थीं। ग्रेनेड हमले ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। इस हमले में कोई जानी नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन एक और गहरी चोट पंजाब की शांति और सुरक्षा व्यवस्था को ज़रूर लगी है।
पुलिस जांच ने जैसे-जैसे रफ्तार पकड़ी, परतें खुलती गईं और सामने आया एक नाम – जीशान अख्तर। ये वही शख्स है जो न सिर्फ़ लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ा हुआ है, बल्कि एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश में भी वांछित है। इस गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने हमले में इस्तेमाल किया गया ई-रिक्शा भी जब्त कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, इस पूरे हमले की साजिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और खालिस्तानी आतंकी संगठनों के इशारे पर रची गई थी।
इस हमले की ज़िम्मेदारी लेते हुए सामने आया है बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी हैप्पी पासिया। माना जा रहा है कि लॉरेंस बिश्नोई की गैंग अब सिर्फ़ रंगदारी और मर्डर तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब खालिस्तानी आतंकियों और ISI के साथ मिलकर देश की स्थिरता पर वार कर रही है। ये गठजोड़ जितना खतरनाक है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी, क्योंकि अब मामला सिर्फ़ गैंगस्टर एक्टिविटी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का बन चुका है।
हमले के बाद राजनीति भी गरमा गई है। बीजेपी नेता सुनील जाखड़ ने पंजाब सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “अब पंजाब की कमान दिल्ली से चल रही है, और मुख्यमंत्री भगवंत मान व डीजीपी सिर्फ़ कठपुतली बनकर रह गए हैं।” वहीं, आप के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी की बयानबाज़ी पर पलटवार करते हुए पुराने मामलों का हवाला दिया और सवाल उठाए कि जब केजरीवाल पर हमला हुआ था, तब बीजेपी की प्रतिक्रिया क्या थी? राजनीति के इन आरोप-प्रत्यारोप के बीच जनता असल सवाल पूछ रही है – क्या हम सुरक्षित हैं?




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