मध्यप्रदेश के सीधी जिले में एक रहस्यमयी शख्स की हरकतों ने गांव-गांव में सनसनी फैला दी। आदिवासी बाहुल्य कुसमी क्षेत्र के ग्रामीण तब चौंक गए जब एक अजनबी खुद को ‘सीआईडी अधिकारी’ बताकर लोगों से पैसे वसूलता दिखा। कोई उसका रौब देखकर डर गया, कोई उसके दस्तावेज देखकर चुप रहा… लेकिन गांव टमसार के लोगों ने उस शख्स की चालाकी को पहचान लिया। जब सरपंच मकरंद सिंह ने कुछ ग्रामीणों के साथ मिलकर उसकी असलियत टटोली, तो उस फर्जी अधिकारी की कहानी एक-एक कर सामने आने लगी। वह कोई सरकारी अधिकारी नहीं, बल्कि सिंगरौली के चितरंगी इलाके का रहने वाला एक ठग निकला — बाबूलाल सिंह उर्फ भारत सिंह।
पकड़े गए आरोपी के पास से जब ग्रामीणों ने दस्तावेज बरामद किए, तो उनमें दर्ज नाम और रकम देख सबके होश उड़ गए। उन कागज़ों में क्षेत्र के कई भोले-भाले लोगों के नाम थे, जिनसे वह अवैध रूप से पैसे ऐंठ चुका था या ऐंठने वाला था। यह घटना सिर्फ ठगी नहीं, बल्कि उस ग्रामीण चेतना की मिसाल बन गई, जहां लोगों ने डरने की बजाय संगठित होकर साजिश का भंडाफोड़ किया। इस साहसिक कदम के बाद आरोपी को दस्तावेजों समेत कुसमी पुलिस को सौंप दिया गया।
कुसमी थाना प्रभारी भूपेश पैसे ने बताया कि आरोपी बाबूलाल का नाम पहले भी चोरी और अन्य आपराधिक मामलों में आ चुका है। फिलहाल उससे पूछताछ जारी है और प्रारंभिक जांच में पुष्टि हो चुकी है कि उसने वसूली की है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि उसके पीछे कोई बड़ा गिरोह है या वह अकेला ही इस अपराध में लिप्त था। ऐसे मामलों में प्रशासनिक सतर्कता के साथ-साथ समाज की सजगता भी जरूरी है, और इस केस में टमसार गांव ने ये साबित कर दिया है कि आज भी जागरूक नागरिक किसी भी ‘फर्जी ताकत’ को नाकाम कर सकते हैं।







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