राजधानी में लूट का तांडव, पुलिस बेबस!
भोपाल, जिसे कभी झीलों का शहर कहा जाता था, अब अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है। कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बावजूद अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे। पुलिस की आंखों के सामने लूट की वारदातें हो रही हैं, लेकिन न तो अपराधी पकड़ में आ रहे हैं और न ही आम जनता को सुरक्षा का अहसास हो रहा है। ताजा मामला पिपलानी इलाके का है, जहां एक रेपिडो बाइक चालक से चाकू की नोंक पर मोबाइल लूट लिया गया।
🔪 चाकू की नोक पर लूट, फिर भी 6 दिन तक सन्नाटा!
भोपाल के पिपलानी इलाके में 24 मार्च की शाम एक खौफनाक वारदात घटी। पीड़ित युवक, जो अपनी रोज़ी-रोटी के लिए रेपिडो बाइक चलाता था, को एक शुभम कहार नामक शख्स ने छोला मंदिर जाने के लिए बुक किया। सफर के दौरान, उसने नाटक किया कि उसके पास पैसे नहीं हैं और कहा कि वह पिपलानी में अपने घर पर किराया देगा। लेकिन असली साजिश कुछ और ही थी!
जैसे ही वे बीएचईएल क्वार्टर के पास पहुंचे, आरोपी ने बाइक रुकवाकर चाकू निकाल लिया और डर के मारे पीड़ित को मारपीट कर 22 हजार रुपये का मोबाइल छीन लिया। इस घटना के बाद, पीड़ित इतना सहम गया कि उसने 6 दिन तक किसी को कुछ नहीं बताया! आखिरकार, हिम्मत जुटाकर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
📌 भोपाल में बढ़ता अपराध: क्या हम सुरक्षित हैं?
ये अकेला मामला नहीं है! भोपाल में लूट की घटनाओं की लंबी लिस्ट तैयार हो चुकी है।
📍 10 मार्च – पिपलानी में शैलश्री पटनायक के साथ लूट, पुलिस अब तक खाली हाथ।
📍 22 मार्च – रानी कमलापति स्टेशन के बाहर लूट, एक आरोपी पकड़ा गया लेकिन बाकी तीन फरार! सोने की चेन भी गायब।
📍 23 मार्च – अशोकागार्डन में वीरेंद्र जायसवाल से लूट, अपराधियों का कोई सुराग नहीं।
📍 24 मार्च – शाहपुरा में ज्वेलरी दुकान पर लूट, दुकानदार की बहादुरी से आरोपी पकड़ाया।
📍 27 मार्च – शाहपुरा में बाइक सवार महिला से सोने की चेन लूट ली गई।
इन घटनाओं से एक सवाल उठता है – भोपाल में कानून व्यवस्था दम तोड़ रही है?
🚔 पुलिस क्या कर रही है? जनता को कब मिलेगा न्याय?
इन अपराधों के बावजूद पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं! जनता से सुरक्षा का वादा करने वाली कमिश्नरी व्यवस्था नाकाम साबित हो रही है। सवाल यह उठता है कि आखिर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं? क्या यह पुलिस की सुस्ती है या कोई बड़ा साजिशी खेल चल रहा है?
भोपाल के लोग अब डरे और सहमे हुए हैं। हर रोज़ अखबारों में नई लूट की खबरें आ रही हैं, लेकिन कहीं कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। क्या हमें अपराधियों के भरोसे छोड़ दिया गया है?
⛔ जनता कब तक चुप रहेगी?
इस शहर को अपराधियों से बचाने के लिए अब आम जनता को भी जागरूक होना होगा। संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें, सतर्क रहें और पुलिस को लगातार जवाबदेह बनाएं। वरना वह दिन दूर नहीं जब भोपाल में सुरक्षा सिर्फ़ एक सपना बनकर रह जाएगी!





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