भोपाल: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने शराबबंदी को लेकर बड़ा कदम उठाया है। राज्य के 17 प्रमुख धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इस फैसले से न केवल प्रदेश में धार्मिक आस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि समाज में नैतिक मूल्यों को भी बढ़ावा मिलेगा। लेकिन यह केवल शराबबंदी तक सीमित नहीं है! सरकार ने एक और बड़ा ऐलान किया है – दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए गौपालन को बढ़ावा दिया जाएगा, और जो भी व्यक्ति 10 से अधिक गाय खरीदेगा, उसे सरकार की ओर से विशेष सब्सिडी मिलेगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमने सभी धार्मिक नगरों में शराब पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है, क्योंकि पवित्र स्थानों के पास शराब का सेवन हमारी आस्था और परिवारों के मूल्यों को नुकसान पहुंचाता है।” इस फैसले के पीछे सरकार का उद्देश्य धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखना और समाज में नैतिकता को बढ़ावा देना है। राज्य में यह प्रतिबंध उज्जैन, ओंकारेश्वर, मैहर, खजुराहो, महेश्वर, ओरछा, सांची, नलखेड़ा, सलकनपुर, जबलपुर, मंदसौर और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों में लागू किया गया है। सरकार ने साफ किया है कि इस फैसले पर सख्ती से अमल किया जाएगा और किसी भी प्रकार की अवैध शराब बिक्री पर कड़ी कार्रवाई होगी।
मध्य प्रदेश सरकार केवल शराबबंदी तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि गौपालन और दूध उत्पादन को भी बढ़ावा देने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “शराब से शरीर और समाज को नुकसान होता है, जबकि दूध से शरीर स्वस्थ होता है।” इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने का फैसला किया है। जो भी व्यक्ति 10 या उससे अधिक गाय खरीदेगा, उसे सरकार सब्सिडी देगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य न केवल स्वास्थ्यवर्धक खानपान को प्रोत्साहित करना है, बल्कि गौपालकों और किसानों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करना है।
सरकार की इस नीति के तहत मध्य प्रदेश डेयरी बोर्ड और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच एक अनुबंध किया जाएगा। इस अनुबंध के तहत आने वाले 5 वर्षों में 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे ताकि पशुपालकों की दूध उत्पादन क्षमता को दोगुना किया जा सके। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य पशुपालकों की आय बढ़ाना और दूध उद्योग को अधिक संगठित और सशक्त बनाना है। सरकार का यह कदम न केवल किसानों और पशुपालकों के लिए लाभकारी साबित होगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार इस योजना को पूरी तरह लागू कर पाएगी या फिर इसमें कोई अड़चन आएगी? कुछ समूह पहले ही शराबबंदी का विरोध कर सकते हैं, क्योंकि इससे सरकार को राजस्व में घाटा हो सकता है। लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साफ कर दिया है कि सरकार आस्था, परिवार और समाज की सुरक्षा के लिए कोई भी समझौता नहीं करेगी। वहीं, पशुपालकों और किसानों के लिए यह योजना एक वरदान साबित हो सकती है, बशर्ते कि सरकार इसे प्रभावी ढंग से लागू करे।