Wednesday, March 19, 2025

Mauganj के Gadra गांव में बवाल: पुलिस-अदिवासी संघर्ष में एक जवान शहीद, SDPO Ankita Sul ने बताई पूरी कहानी

Mauganj : मध्य प्रदेश के नवगठित जिले मऊगंज का गडरा गांव सोमवार को हिंसा और संघर्ष का केंद्र बन गया। घटना के दौरान पुलिस और स्थानीय आदिवासी समुदाय के बीच टकराव हुआ, जिसमें एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान मऊगंज एसडीओपी अंकिता सूल भी मौके पर मौजूद थीं। TKN Prime News से विशेष बातचीत में उन्होंने इस घटना की पूरी जानकारी साझा की।

कैसे हुई घटना की शुरुआत?

गडरा गांव में अशोक कोल नामक व्यक्ति की संदिग्ध मौत के बाद गांव के लोगों में आक्रोश था। आरोप है कि गांव के कुछ लोगों ने सनी द्विवेदी नामक युवक को बंधक बना लिया। पुलिस को इस मामले की सूचना लगभग दोपहर ढाई बजे मिली, जिसके बाद स्थानीय थाना प्रभारी तीन बजे तक मौके पर पहुंच गए।

एसडीओपी अंकिता सूल के अनुसार, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और बंधक को छुड़ाने के लिए स्थानीय लोगों से बातचीत भी की। बातचीत के दौरान आदिवासी समुदाय ने दरवाजा खोल दिया, लेकिन तब तक सनी द्विवेदी की मौत हो चुकी थी।

पुलिस पर लगाए गए आरोप

स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने अशोक कोल की मौत को एक्सीडेंट करार दिया, जबकि यह हत्या थी। हालांकि, पुलिस जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट में हत्या के कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले, जिसके कारण हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।

पुलिस पर हुआ हमला और बंधक बनाए गए अधिकारी

जैसे ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करना शुरू किया, गांव में हिंसा भड़क गई। कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।

इस हमले के दौरान पुलिस और एसडीओपी अंकिता सूल समेत कुछ अधिकारी अंदर ही फंस गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को खुद को एक कमरे में बंद करना पड़ा। हमलावरों ने दरवाजा तोड़ने की कोशिश की और आरोपियों को छुड़ाने की मांग रखी। इस संघर्ष के दौरान एक पुलिस कर्मी की मौत हो गई।

हमले की साजिश?

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि इस हमले की पहले से ही तैयारी की गई थी। घटना के दौरान गांव की बिजली काट दी गई थी, जिससे पुलिस बल को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

अब तक 26 संदिग्ध गिरफ्तार

अब तक 26 लोगों को इस मामले में हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा, एक पत्रकार और एक पूर्व सरपंच का नाम भी इस साजिश में सामने आ रहा है। पुलिस इन सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।

घटना के दौरान पुलिस कितनी देर फंसी रही?

एसडीओपी अंकिता सूल के अनुसार, पुलिस दल लगभग 1 घंटे 10 मिनट तक अंदर बंद रहा। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क बना हुआ था और अतिरिक्त बल का इंतजार किया जा रहा था। इस दौरान भीड़ आग लगाने की धमकी भी दे रही थी, लेकिन पुलिस ने संयम बनाए रखा।

क्या है आगे की कार्रवाई?

पुलिस इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है। सभी आरोपियों की भूमिका की जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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