कल्पना कीजिए, अंतरिक्ष में बिताए गए 9 महीने और 13 दिन! एक मिशन जो केवल 8 दिनों का होना था, लेकिन तकनीकी कारणों से लंबा खिंच गया। अब, भारतीय मूल की प्रसिद्ध अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अपनी इस ऐतिहासिक यात्रा के बाद आखिरकार पृथ्वी पर लौटने वाली हैं। उनके साथ बैरी “बुच” विल्मोर भी इस सफर में शामिल हैं। अंतरिक्ष से घर वापसी के इस अभूतपूर्व मिशन को पूरा करने के लिए स्पेसएक्स का ड्रैगन अंतरिक्ष यान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अलग हो चुका है। अब यह यान फ्लोरिडा के समुद्र में लैंड करने के लिए तैयार है।
नासा के अनुसार, सुनीता विलियम्स और उनके साथी को लेकर ड्रैगन यान मंगलवार शाम 5:57 बजे (अमेरिकी समयानुसार) पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा और फ्लोरिडा के समुद्र में उतरने की योजना है। भारतीय समयानुसार, यह घटना बुधवार तड़के करीब 3 बजे होगी। इस पूरी प्रक्रिया को नासा और एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के संयुक्त मिशन “स्पेसएक्स क्रू 9” के तहत संचालित किया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि विलियम्स और विल्मोर की यह यात्रा केवल 8 दिनों के लिए निर्धारित थी, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण इसे 9 महीने और 13 दिन तक बढ़ाना पड़ा। अब, 17 घंटे की वापसी यात्रा के बाद, वे आखिरकार अपने घर लौटेंगे।
सुनीता विलियम्स, जो इस साल सितंबर में 60 वर्ष की हुईं, भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में कई ऐतिहासिक मिशन पूरे किए हैं। उनसे पहले कल्पना चावला ने यह उपलब्धि हासिल की थी, लेकिन 2003 में कोलंबिया स्पेस शटल दुर्घटना में उनकी दुखद मृत्यु हो गई थी। सुनीता का जन्म 1965 में हुआ था, और उनके पिता दीपक पांड्या गुजरात से हैं, जबकि उनकी मां उर्सुलाइन बोनी पांड्या स्लोवेनिया से हैं। पहली बार, उन्होंने 2006 में “डिस्कवरी” स्पेस शटल से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा की थी और तब से वे कई ऐतिहासिक मिशनों का हिस्सा रही हैं।
नासा के अनुसार, इस वापसी मिशन के लिए विशेष सुरक्षा और मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई है। यह पूरी प्रक्रिया नासा के यूट्यूब चैनल और अन्य प्लेटफॉर्म पर लाइव प्रसारित की जा रही है, जिससे दुनिया भर के लोग इस ऐतिहासिक घटना के गवाह बन सकें। मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नासा ने एक अनुमानित शेड्यूल जारी किया है, हालांकि लैंडिंग टाइम में बदलाव संभव है। इस मिशन की सफलता न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भविष्य में मानव अंतरिक्ष यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए भी अहम साबित होगी।
सुनीता विलियम्स का यह मिशन केवल एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं, बल्कि मानव धैर्य, विज्ञान और तकनीकी उपलब्धियों का अनूठा संगम है। उनकी यह वापसी दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। एक भारतीय मूल की महिला का अंतरिक्ष में इतना लंबा समय बिताकर सफलतापूर्वक लौटना, भारत और अमेरिका दोनों के लिए गर्व की बात है। अब जब सुनीता पृथ्वी पर लौट रही हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने अनुभवों को कैसे साझा करती हैं और भविष्य में अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में क्या नया योगदान देती हैं।