महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया एक बार फिर सुर्खियों में हैं। वह सोशल मीडिया पर अपने धार्मिक और पारंपरिक ज्ञान से जुड़े वीडियो के लिए जानी जाती हैं। हाल ही में उन्होंने होली के बाद आने वाली भाई दूज पर एक वीडियो साझा किया, लेकिन इस पर विवाद खड़ा हो गया। कुछ यूजर्स ने कमेंट किया कि भाई दूज सिर्फ दिवाली के बाद आता है, होली के बाद नहीं। इन कमेंट्स से भड़की हर्षा ने तुरंत जवाब दिया और सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो पोस्ट कर ट्रोलर्स की बोलती बंद कर दी।
हर्षा का करारा जवाब – ‘पहले जानकारी लें, फिर बहस करें’
अपने नए वीडियो में हर्षा ने साफ कहा, “सनातनी परंपराओं की सही जानकारी सबके पास होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि यदि कोई धार्मिक रीति-रिवाजों को लेकर बहस करता है, तो उसे पहले यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी जानकारी सही हो। उन्होंने यूजर्स को धर्म और परंपराओं का सम्मान करने की सलाह दी और कहा कि गलतफहमी से बचने के लिए पहले खुद को शिक्षित करना जरूरी है। हर्षा ने इस मौके पर हिंदू धर्म में त्योहारों की महत्ता को भी समझाने की कोशिश की।
क्या सच में भाई दूज साल में दो बार आता है?
हर्षा रिछारिया ने अपने वीडियो में विस्तार से बताया कि भाई दूज साल में दो बार मनाया जाता है। उन्होंने कहा, “पूरे देश में दिवाली के बाद भाई दूज मनाया जाता है, लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि होली के बाद भी भाई दूज मनाई जाती है।” हर्षा ने बताया कि 2025 में होली के बाद भाई दूज का शुभ मुहूर्त 15 मार्च दोपहर 2:33 बजे से शुरू होगा और 16 मार्च शाम 4:58 बजे तक चलेगा।
सोशल मीडिया पर फैक्ट चेकिंग का दौर!
हर्षा रिछारिया के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर फैक्ट चेकिंग का दौर शुरू हो गया। कुछ लोग उनके समर्थन में उतरे और कहा कि उन्होंने धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी एक सही जानकारी साझा की है। वहीं, कुछ लोग अभी भी इसे मिथक मान रहे हैं और इसे लेकर नई बहस छेड़ दी है। हर्षा के वीडियो को अब तक लाखों व्यूज मिल चुके हैं और यह तेजी से वायरल हो रहा है।
हर्षा रिछारिया का संदेश – ‘धर्म और परंपराओं की सही जानकारी लें
अपने वीडियो के अंत में हर्षा ने कहा, “हमारा धर्म बहुत विशाल है और इसकी परंपराओं को समझने के लिए हमें सही अध्ययन और जानकारी की जरूरत है।” उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे किसी भी धार्मिक परंपरा या मान्यता पर सवाल उठाने से पहले अच्छी तरह अध्ययन करें। हर्षा ने अपने वीडियो में एक सकारात्मक संदेश दिया और लोगों से कहा कि ‘सनातनी परंपराओं को समझें, उनका सम्मान करें और सटीक जानकारी साझा करें।
हर्षा रिछारिया का यह वीडियो एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। क्या धार्मिक मान्यताओं पर इतनी बहस सही है? क्या हमें परंपराओं को समझकर सही जानकारी फैलानी चाहिए? आपका क्या कहना है? कमेंट सेक्शन में हमें जरूर बताएं!