मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में शनिवार को जो हुआ, उसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। आदिवासियों के एक गुट ने पुलिस दल पर हमला कर दिया, जिसमें एएसआई रामचरण गौतम की दर्दनाक मौत हो गई। इस हमले में कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव का ऐलान: ASI रामचरण गौतम को ‘शहीद’ का दर्जा, परिवार को 1 करोड़ और सरकारी नौकरी!
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना पर गहरा शोक जताते हुए ASI रामचरण गौतम को शहीद का दर्जा देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा,
“ASI रामचरण गौतम ने अपने कर्तव्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, बल्कि उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।”
इसके साथ ही सरकार ने परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने और एक परिजन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
पुलिस का बड़ा एक्शन: अब तक 6 आरोपी गिरफ्तार, सर्च ऑपरेशन जारी!
ASI रामचरण गौतम की हत्या के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि हमले में शामिल अन्य अपराधियों की पहचान कर ली गई है, और उनकी तलाश में तेजी से छापेमारी की जा रही है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पुलिस ने गड़रा गांव में बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
पुलिस महानिदेशक ने संभाला मोर्चा, मऊगंज में सख्त कार्रवाई के आदेश!
मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना हालात का जायजा लेने रीवा पहुंचे हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की कई टीमें अलग-अलग इलाकों में छानबीन कर रही हैं और जल्द ही इस हिंसक हमले के सभी आरोपियों को पकड़ने का दावा किया जा रहा है।
इस घटना ने पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर ऐसी घटनाएं क्यों बार-बार होती हैं? पुलिस को उन इलाकों में तैनात करते समय क्या पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए जाते? मुख्यमंत्री के ऐलान से परिवार को राहत जरूर मिली है, लेकिन अब सवाल यह है कि क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?